रिपोर्ट अनमोल कुमार
मोकामा ( पटना) । परशुराम जन्मोत्सव पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का प्रवचन बाबा परशुराम स्थान के भगवत पीठ पर कथावाचिका राधास्वरुपा श्री ऋतु साक्षी द्विवेदी ने मंगलाचरण से प्रारम्भ करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत गीता के श्रवण मात्र से प्राणियों में संस्कार और भक्ति रस प्रवाहित हो जाता है। ऋतु साक्षी के संगीत मय श्रीमद्भागवत गीता के कथा से श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो उठे।
ब्यास पीठ से श्रीमद्भागवत गीता का कथा करते हुए ऋतु साक्षी ने कहा कि गीता योग और वेदांत पर आधारित दर्शन है जो कर्मयोगी बनने का संदेश देता है ऋषि वेद ब्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत गीता में जागृति और प्रेरित करने हेतु लिखा गया है। इसमें ईश्वर और मानव धर्म की एकरूपता को दर्शाया गया है।
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि केवल शरीर को ही मारा जा सकता है, आत्मा तो अमर है जिसका पुनर्जन्म होता है। ईश्वर ही धरती के पालक है वही संसार के संचारक है। ईश्वर की लीला अपरम्पार है।
कथावाचिका ऋतु साक्षी ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता के श्रवण और पाठन से पाप से मुक्ति मिल जाता है।