रिपोर्ट- संतोष कुमार!
जिला प्रशासन सुपौल के संयुक्त तत्वावधान में टाउन हॉल भवन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
सुपौल:- कला, संस्कृति एवं युवा विभाग एवं समाज कल्याण विभाग (महिला विकास निगम) बिहार पटना तथा जिला प्रशासन सुपौल के संयुक्त तत्वावधान में टाउन हॉल भवन सुपौल में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एमएलसी डॉ० अजय कुमार सिंह, डीएम कौशल कुमार, एसपी शैशव यादव, एडीएम राशिद कलीम अंसारी, डीडीसी सुधीर कुमार, जदयू जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र ऋषिदेव आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इसके बाद स्वागत गान के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया। वहीं जीविका दीदीयों द्वारा बनाये गये बुके देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। मंच संचालन शिक्षिका अर्चना पाठक ने की। स्वागत भाषण अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्रीति कुमारी ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली बालिका एवं महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेटो देकर सम्मानित किया। जिसके बाद लघु फिल्म का प्रसारण किया गया। वहीं बदलते परिदृष्य में महिला सशक्तिकरण विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। इसके बाद टीसी हाई स्कूल चकला निर्मली की छात्रा रिया बेबी के नेतृत्व में लोक कला पर आधारित सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत की गयी। राघोपुर की स्थानीय कलाकार द्वारा गायन, आरएसएम पब्लिक स्कूल की छात्रा आयुषी ठाकुर द्वारा भरत नाट्यम, निर्मली की चांदनी भारती ने भगैत लोकगीत, रजनीकांत पब्लिक स्कूल की छात्रा पलक कुमारी द्वारा नृत्य, स्थानीय कलाकार नीशा राय एवं टीम द्वारा समूह नृत्य, एलएस आईसीडीएम की रीता एवं प्रभा कुमारी द्वारा पोषण गीत आदि प्रस्तुत किया गया। इसके बाद जीविका दीदी के द्वारा अपने-अपने विचार साझा किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिलें में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 125 बालिका एवं महिलाओं को सम्मानित किया गया। मौके पर एसडीएम इंद्रवीर कुमार, विजय शंकर चौधरी, अमर कुमार चौधरी, प्रशिक्षु डीएसपी नीतू सिंह, कुमारी प्रतिभा आदि मौजूद थे।
महिला कर सकती है सही निर्णय : एमएलसी
विधान परिषद सदस्य अजय कुमार सिंह ने कहा एक समय था जब हमारी दादी हमारी नानी को पढ़ने का अधिकार नहीं था। समाज में चुनौतियां थी, फिर भी उन चुनौतियों को सामना करते हुए बहुत सी महिलाएं आगे आई और हम इस आधुनिक भारत में देश की प्रथम नागरिक द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के रूप में देख रहे हैं। हमारे बीच सावित्री बाई फुले की कहानी है। हमारे बीच लक्ष्मीबाई, इंदिरा गांधी, राबड़ी देवी जैसी तमाम महिला सशक्तिकरण की बेजोड़ उदाहरण हैं। भारतीय नारी सत्यवान की सावित्री बनकर यमराज से अपने पति को छीन लाती है। श्री सिंह ने कहा जब कालीदास भोग विलास में डूबने लगे तो रत्नावती ने उन्हें कहा कि तुम जितना प्रेम मुझसे करते हो काश इतना प्रेम हरि से करते तो तुम्हारी जिंदगी और समाज कुछ और होता। बताया कि लैंगिक समानता में बिहार इस देश में सबसे फिसड्डी है। कहा कि महिला जब समाज में आगे होगी, तभी इस समाज का सही निर्माण हो सकता है।
कई क्षेत्रों में पुरूष से आगे है महिला : डीएम
डीएम कौशल कुमार ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य है कि नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो कार्य चल रहे हैं, उसको और आगे बढ़ाया जाए। भारत-वर्ष के इतिहास में महिला कई सारे कुरीतियों से गुजर रही थी। सबसे खराब सती प्रथा था, उसमे जिंदा जला दिया जाता था। भारत सुंदर देश है, जहां पर मताधिकार का अधिकार महिला – पुरुषों को एक साथ मिला था। संयुक्त राष्ट्र संघ 1975 से हर वर्ष महिला दिवस को मना रहा है। उसी कड़ी में भारत ने भी अपनाया और भारत के विभिन्न राज्यों में इसे मनाया जाता है। आज हम देख रहे हैं महिला राजनीतिक क्षेत्र में दैनिक कार्यक्रमों के क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में काफी आगे बढ़ी है और पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रही है। कई क्षेत्र में तो पुरुषों से भी आगे हैं। कहा कि समाज में आज भी लड़कियां जन्म होती है उसको मार दिया जाता है या फिर उसको कहीं छोड़ दिया जाता है। जिनको हमारे संस्थान के द्वारा लेकर उसकी परवरिश की जाती है। ऐसा क्यों हो रहा है। वह किस परिस्थिति में बच्ची को छोड़ रही हैं या मर्डर हो रहा है। कहा कि घर में बच्चियां भी होता है, बेटा भी होता है। लेकिन बच्चियों के शिक्षा पर हम लोग इतना जोर नहीं देते जितना बच्चों के लड़कों की शिक्षा पर देते हैं। उसके भी शिक्षा पर उतना ही जोर दें। उन्होंने कहा कि जिला में देखते हैं कि चाइल्ड मैरिज अभी भी बहुत ज्यादा होता है। जबकि कानून बना हुआ है कि 18 वर्ष से नीचे की लड़कियों की शादी नहीं होनी है। यह कानून अपराध है, लेकिन हम लोग देखते हैं गुप्त तरीके से बाल विवाह होता है। हम जानते हैं कि बाल विवाह अगर होगा एक लड़की की शादी कम उम्र में होता है तो उसका असर उसके बच्चे ही पड़ता है, उसके परिवार में पड़ता है। लेकिन आज भी ऐसा होता है.
महिलाएं होंगी शिक्षित तो समाज होगा शिक्षित : एसपी
एसपी शैशव यादव कहा कि इस दिवस पर हमलोग को यह भी महसूस करना है कि महिलाएं किस क्षेत्र में पीछे है और उनका उत्थान कैसे होगा। संविधान में भी बहुत अधिकार दिए गए हैं। सरकारी कार्यक्रम और नीतियां भी बनी है। उसे लागू करके धरातल पर लाना है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में या उसके पहले भी जो भी व्यवस्था थी, समाज में उसमें महिलाओं का रोल बहुत अधिक था। आज भी महिलाएं पूजी जाती है। सभी क्षेत्रों में सामाजिक हो राजनीतिक हो, आर्थिक हो, जहां भी महिलाओं को मौका मिला है, वह बहुत अच्छा करके दिया है। कहा जाता है कि यदि एक पुरुष को शिक्षित किया जाता है तो एक व्यक्ति को शिक्षित किया जाता है और जब एक महिला को शिक्षित किया जाता है तो एक सारे परिवार को शिक्षित होता है। हम लोगों का यही लक्ष्य है कि जहां भी हम लोगों को शिकायत मिलती है महिला सशक्तिकरण को जो कमजोर करता है, या महिला उत्पीड़न का प्रयास करते हैं, उसका समाधान करें। कहा कि जिले के सभी थानों में एक महिला हेल्पलाइन का गठन किया गया है। जहां महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मी की रहती हैं।