रिपोर्ट- अमित कुमार!
पटना में आयोजित #AIPOC85 सम्मेलन के समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए विधायी संस्थाओं में बाधा रहित और व्यवस्थित चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विधायिका में श्रेष्ठ संवाद की परंपरा को बनाए रखना लोकतांत्रिक प्रणाली की नींव को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक है।
दिनभर के प्रमुख घटनाक्रम:
- सम्मेलन का उद्घाटन:
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिहार के राजभवन में आयोजित पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस उद्घाटन सत्र में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्देश्य संसदीय प्रक्रियाओं को प्रभावी और समावेशी बनाना था। - मुख्यमंत्री से मुलाकात:
सम्मेलन के उद्घाटन के बाद, ओम बिरला ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राजभवन में मुलाकात की। इस बैठक में राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय बढ़ाने और संसदीय प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई। - विशेष सत्र में भागीदारी:
लोकसभा अध्यक्ष ने सम्मेलन के विशेष सत्र में भाग लिया, जहां देशभर से आए पीठासीन अधिकारियों ने अपने विचार साझा किए। इस सत्र में संसदीय नियमों में सुधार और डिजिटल तकनीक के उपयोग पर भी चर्चा की गई। - राज्यपाल के साथ संवाद:
ओम बिरला ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से औपचारिक बैठक की, जिसमें बिहार में संसदीय प्रक्रियाओं को और प्रभावी बनाने के उपायों पर चर्चा की गई। - गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति:
इस सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण हस्तियां, वरिष्ठ विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का उद्देश्य संसदीय कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाना था। इस मौके पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव भी ओम बिरला के साथ मौजूद रहे।
निष्कर्ष:
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का यह सम्मेलन लोकतांत्रिक प्रणाली को सुदृढ़ करने और संसदीय कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।