राज्य में सुशासन स्थापित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता- अरविंद कुमार चौधरी!

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:- रवि शंकर अमित!

राज्य में पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन के माध्यम से विधि-व्यवस्था सुदृढ़ कर कानून का शासन स्थापित करना तथा लोगों को भयमुक्त समाज एवं विकास प्रदान करना, राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

पटना-20 दिसम्बर, 2024:- आज दिनांक-20.12.2024 को सूचना भवन में सूचना एवं

जन-सम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित गृह विभाग के संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह विभाग के प्रधान सचिव, श्री अरविन्द कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य में पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन के माध्यम से विधि-व्यवस्था सुदृढ़ कर कानून का शासन स्थापित करना तथा लोगों को भयमुक्त समाज एवं विकास प्रदान करना, राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आगे गृह विभाग के कार्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी उन्होंने बिन्दुवार निम्न प्रकार दीः-

अपराध नियंत्रण

वर्ष-2024 में नवम्बर माह तक कुल 3,00,526 अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गयी है। 92 नियमित हथियार, 4861 अवैध हथियार, 165 देशी बम, 22,632 कारतूस, 604 डेटोनेटर की बरामदगी की गयी तथा 83 अवैध लघु बंदूक कारखाना का उद्भेदन किया गया है।

अपराधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप राज्य स्तर पर गत वर्ष की तुलना में डकैती के मामलों में 15.36 प्रतिशत, चोरी में 5.93 प्रतिशत एवं दंगा में 15.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।

वर्ष 2024 में राज्य सरकार की धर्म निरपेक्ष एवं सुदृढ़ नीति के परिप्रेक्ष्य में तत्परता से आसूचना/सूचना संग्रह एवं त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप राज्य में साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं में उत्तरोत्तर कमी हुई है।

वर्ष 2022-24 में साम्प्रदायिक घटनाओं से संबंधित कुल 1025 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है और सभी जिलों को आरोप पत्र समर्पित करने हेतु निदेशित किया गया है।

धारा 156 (3) भा०द०वि० अंतर्गत राज्य के माननीय न्यायालयों द्वारा पारित आदेश के तहत थानों में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लंबित 14,956 मामलों में से 14,078 (94%) मामलों में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।
बिहार लोक सुरक्षा (उपाय) प्रवर्तन अधिनियम-2024 अधिसूचित किया गया है, जो दिनांक- 14.03.2024 से प्रभावी है।

राज्य में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण हेतु बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1981 को निरस्त करते हुए बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, 2024 अधिसूचित किया गया है, जो दिनांक- 14.03.2024 से प्रभावी है।

बिहार विशेष कार्यबल द्वारा नक्सलरोधी / अपराध नियंत्रण अभियान

पूर्व में बिहार राज्य के 10 जिले नक्सली गतिविधियों से प्रभावित थे, जो वर्त्तमान में घटकर 08 जिले यथा-गया, औरंगाबाद, नवादा, रोहतास, कैमूर, जमुई, मुंगेर एवं लखीसराय रह गये हैं। नक्सली गतिविधियाँ भी मुख्यतः बिहार-झारखण्ड सीमा से लगे पहाड़ी-जंगली क्षेत्रों तक सीमित हो गये हैं।

वर्ष-2024 में नवम्बर माह तक 120 नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं तथा 24 हथियार, 246 कारतूस, 134 किलोग्राम विस्फोटक, 554 डेटोनेटर, 146 बारूदी सुरंगें / केन बम बरामद किये गये है।

STF द्वारा वर्ष-2024 में 05 (04 ईनामी) अपराधियों को इनकाउन्टर में मारा गया।

STF द्वारा विभिन्न जिलों के मोस्ट वान्टेड कुल 53 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 11 ईनामी नक्सली थे।

वर्ष-2024 में STF द्वारा कुल 787 उग्रवादी / अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 171 ईनामी अपराधी थे।

विशेष आधारभूत संरचना योजना के अन्तर्गत विषेष कार्य बल, विषेष आसूचना शाखा एवं उग्रवाद प्रभावित जिलों के जिला पुलिस बल के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु ₹37,83,17,657 की प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। चालू वित्तीय वर्ष में योजना पूर्ण होने की संभावना है।

वर्ष-2024 में विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के अन्तर्गत 40 थाना कांडों में कुल 120 अभियुक्तों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्रदान किया गया है।

आर्थिक अपराध एवं साईबर अपराध नियंत्रण

बिहार सरकार द्वारा सभी पुलिस जिलों (रेल जिला सहित) में कुल 44 साईबर थाना की स्थापना की गयी है, जो पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी के नियंत्रणाधीन क्रियाशील है।
माह-अक्टूबर, 2024 तक 5187 कांड प्रतिवेदित हुआ है तथा 571 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है।

आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना स्थित National Cyber Crime Reporting Portal 1930 के कॉल सेंटर में कॉल का उत्तर देने में कई माह से बिहार राज्य प्रथम स्थान पर है। साथ ही, साइबर फ्रॉड से संबंधित रकम को होल्ड कराने में जुलाई, 2024 में देश के सभी राज्यों में बिहार पाँचवे स्थान पर है।

साइबर फ्रॉड में संदिग्ध 13,403 मोबाईल नंबरों एवं 4,804 IMEI को ब्लॉक कराया गया है।

आर्थिक अपराध इकाई में गठित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग एवं पेट्रोलिंग यूनिट द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर निगरानी रखते हुए अबतक कुल 419 विवादित / भ्रामक / आपत्तिजनक पोस्ट/फरजी प्रोफाईल पर विधि सम्मत् कार्रवाई करते हुए आई०टी० एक्ट-2000 के तहत् संबंधित सेवाप्रदाता को नोटिस दिया गया है जिसमें 319 मामलें अबतक निष्पादित हो चुके हैं।

आर्थिक अपराध इकाई अंतर्गत अबतक लोक सेवकों के विरूद्ध अप्रत्यानुपातिक धर्नाजन के कुल 85 कांड प्रतिवेदित हुआ है जिनमें से 37 कांडों में माननीय न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किये गये हैं।

आर्थिक अपराध थाना द्वारा दर्ज काण्डों में अभियुक्तों के विरूद्ध बिहार विषेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के अन्तर्गत आय से अधिक सम्पत्ति की जब्ती के लिए कुल 26 मामलों में घोषणा पत्र एवं आदेश निर्गत किया गया है।

PMLA के तहत् 339.3952 करोड़ की परिसम्पत्तियों को समपहृत करने हेतु कुल 204 प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को प्रेषित किया गया है जिसमें कुल 51.919 करोड़ रूपये की अपराध जनित सम्पति जब्त किया गया है।

वर्ष-2024 में माह अक्टूबर तक बिहार पुलिस द्वारा राज्य में कुल 13024.13 कि०ग्रा० गांजा, 303.045 कि0ग्रा0 चरस, 19.528 कि०ग्रा० हेरोइन / स्मैक / ब्राउन सुगर, 10.257 कि०ग्रा० अफीम, 5004.67 कि०ग्राम डोडा, 63071 पीस इंजेक्शन, 108398 बोतल कोडिन बेस्ड सिरप
एवं 50321 पीस टैबलेट की बरामदगी की गई है। इस संदर्भ में 1534 अभियुक्तों के विरूद्ध 932 कांड दर्ज किया गया है जिसमें 1333 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

वर्ष-2023-24 में 2525.32 एकड़ में लगे अवैध अफीम के फसल को नष्ट किया गया है।

अक्टूबर, 2024 तक रू0 52,77,800 की जाली भारतीय नोटों की बरामदगी की गई है।

भर्ती/प्र भर्ती / प्रवेश परीक्षा संबंधित अपराधों की विवरणी

नये वृहद अपराध अधिनियम-2023 का बिहार राज्य में क्रियान्वयन

दिनांक-01.07.2024 से वृहत् अपराध अधिनियमों को लागू करने के लिए गृह विभाग, बिहार, द्वारा अधिसूचना निर्गत किया गया है।

माननीय मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय, पटना की अध्यक्षता में पटना उच्च न्यायालय, पटना के सभी माननीय न्यायाधीश, मुख्य सचिव, बिहार, पुलिस महानिदेशक, बिहार, सभी जिलों के जिला सत्र न्यायाधीश, सभी जिला पदाधिकारी, सभी वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, सभी जिला अभियोजन पदाधिकारी एवं सभी सी० जे०एम० के साथ दिनांक-16.03.2024 को एक दिवसीय कार्यशाला एवं दिनांक-27 एवं 28.07.2024 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-37 के प्रावधानों के तहत् राज्य पुलिस मुख्यालय एवं प्रत्येक पुलिस जिला में एक पुलिस नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों का नाम एवं पता तथा उनके द्वारा किये गये अपराध की प्रकृति. लगाए गये आरोप को प्रत्येक पुलिस थाना एवं जिला मुख्यालय में भौतिक रूप से एवं डिजीटल माध्यम से प्रदर्शित करने का प्रावधान किया गया है।

01 जुलाई, 2024 से लागू 03 नये अपराधिक कानून के अधिसूचित होने के बाद सारण जिला में रसुलपूर थाना क्षेत्र का हत्या के मामले में मात्र 50 दिनों में आजीवन कारावास की सजा दिलाने वाला सम्पूर्ण भारत में बिहार पहला राज्य बना।

दिनांक-30.06.2024 तक बिहार अभियोजन सेवा के राज्य के अन्दर कुल 1040 अभियोजन पदाधिकारियों एवं राज्य के बाहर 76 अभियोजन पदाधिकारियों को संस्थागत प्रषिक्षण केसाथ नये अपराधिक कानून का प्रशिक्षण दिलाया गया है। दिनांक-01.07.2024 से लागू तीन नये कानूनों के संबंध में 25000 पुलिस पदाधिकारियों (पी०टी०सी० उत्तीर्ण से लेकर पुलिस उप-महानिरीक्षक) का प्रशिक्षण कराया गया है।

दिनांक-01.07.2024 से लागू तीन नये कानूनों के संबंध में विधि-विज्ञान प्रयोगषाला के सभी निदेषक/उप-निदेषक / सहायक निदेषक/वरीय वैज्ञानिक सहायकों का प्रषिक्षण National Forensic Science University, नई दिल्ली एवं Central Detective Training Institute, गाजियाबाद में कराया गया है।

आपराधिक मामलों के प्रदर्षों की जाँच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगषाला, पटना के डी०एन०ए० यूनिट को सुदृढ़ किया गया है। क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगषाला, भागलपुर एवं मुजफ्फरपुर में एक-एक डी०एन०ए० यूनिट की स्थापना की गयी है।

Criminal Justice System के पाँचों स्तंभ (Pillars) यथा-CCTNS (For Police), e-Forensic (For Forensic Labs), e-Courts (For Courts), e-Prosecution (For Public Prosecutors) एवं e-Prison (For Prisons) के बीच डाटा का निर्बाध आदान-प्रदान किए जाने हेतु Inter-Operable Criminal Justice System 2.0 (ICJS 2.0) की परिकल्पना की गयी है।

भू-समाधान पोर्टल

भूमि विवादों के प्रभावी निष्पादन एवं अनुश्रवण तथा इसके नियंत्रण को गम्भीरता से लेते हुए गृह विभाग द्वारा भूमि विवाद जनित मामलों की विस्तृत समीक्षा एवं विश्लेषण हेतु आवश्यक डाटा बेस तैयार कराने के लिए “भू-समाधान पोर्टल” का निर्माण गृह विभाग द्वारा किया गया है।

अंचल एवं थाना स्तर पर भूमि विवादों के निष्पादन हेतु अंचल पदाधिकारी/राजस्व पदाधिकारी तथा थानाध्यक्ष की सहध्यक्षता में प्रत्येक थानों में साप्ताहिक शनिवारीय बैठक आयोजित की जाती है। विगत तीन माह में राज्य में थाना स्तर पर इस प्रकार की 16,010 बैठके आयोजित की गई है, जिसमें 11,365 मामलों का निष्पादन किया गया है। इसी प्रकार अनुमंडल स्तर पर 660 पाक्षिक बैठके आयोजित की गई है। जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी तथा वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक की सहध्यक्षता में इस प्रकार की 142 बैठकें आयोजित की गई है।

राज्य के सभी 38 जिलों द्वारा अभी तक भू-समाधान पोर्टल पर कुल 65,804 आवेदनों में से 63,345 भूमि विवाद संबंधी आवेदनों की पूर्ण प्रविष्टि की गयी है, शेष 2,459 आवेदनों की आंशिक प्रविष्टि की गयी है। इनमें से 51,789 मामलों का अंतिम निष्पादन एवं 5751 मामलों का प्रारंभिक निष्पादन किया गया है। 242 मामलों को मापी के

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लिए निर्धारित किया गया है, 373 आवेदनों को विभिन्न कारणों से अस्वीकृत किया गया है। इनमें से 207 मामले माननीय न्यायालयों में लंबित हैं। शेष 4,983 मामले निष्पादन हेतु प्रक्रियाधीन हैं।

NCRB Report के अनुसार राज्य में वर्ष 2021 में कुल हत्याओं में भूमि विवाद के कारण हुई हत्या का प्रतिशत जहाँ लगभग 60 प्रतिशत था, वहीं यह आँकड़ा वर्ष, 2023 में घटकर 46.69 प्रतिशत रह गया है।

मद्य निषेध

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के उपरान्त दिनांक-01.04.2016 से 30.11.2024 तक कुल 4,89,033 दर्ज अभियोग एवं 1,02,648 वाहनों को जब्त करते हुए 7.70,250
व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है तथा कुल 95,45,873 ली० देशी शराब एवं 1,62,38,755 ली० विदेशी शराब जब्त किये गये हैं।

ERSS परियोजना

मुख्य रूप से महिलाओं के विरूद्ध हिंसा, अपराधिक घटना, अग्निकांड, सड़क दुर्घटना एवं ट्रैफिक समस्या एवं मद्य निषेध के मामलों में ERSS परियोजना के तहत् डायल-112 के माध्यम से सेवा दी जाती है।

माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा दिनांक-29.02.2024 को द्वितीय चरण हेतु अतिरिक्त 883 चार पहिया एवं 550 दो पहिया वाहनों का लोकार्पण किया गया है। अब डायल-112 आपातकालीन सेवा ग्रामीण क्षेत्रों सहित सम्पूर्ण राज्य में उपलब्ध हो गयी है। वर्त्तमान में कुल 1,833 वाहन उपलब्ध है।

दो पहिया वाहन की सहायता से अब शहर की तंग गलियों में भी आपातकालीन सेवा पहुँचायी जा रही है। द्वितीय चरण में 1586 एम्बुलेन्स सेवा एवं 805 अग्निशमन सेवा के वाहनों को भी इस व्यवस्था में एकीकृत किया गया है, जो 24 घंटे नागरिकों की सेवा में कार्यरत है।

सम्पूर्ण राज्य के नागरिक अब आपातकालीन स्थिति में 112 डायल कर पुलिस, एम्बुलेन्स, अग्निशमन सेवा एवं अपराध नियंत्रण हेतु एकीकृत सेवा ले रहे हैं।

राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षित सफर सुविधा” का शुभारंभ दिनांक-05.09.2024 से बिहार के छः जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया। दिनांक-15.09.2024 से इसका विस्तार राज्य के सभी जिलों में किया गया है।

वर्तमान में डायल-112 के साथ हाईवे पेट्रोलिंग के 61 वाहनों को भी मशीनी स्तर पर एकीकृत किया गया है।

ERSS परियोजना के तहत् विगत् 02 वर्षों में 20 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन सेवायें पहुँचायी जा चुकी हैं। प्रतिदिन करीब 72000 हजार कॉल प्राप्त हो रहा है जिसका निष्पादन किया जा रहा है। कॉल वाल्युम के अनुसार बिहार देश में दूसरा स्थान पर है। इसमें से लगभग 5500 इवेन्ट जेनरेटेड मामलों में ई०आर०वी० द्वारा घटना स्थल पर पहुँचकर आवष्यक कार्रवाई की जा रही है। 2024-25 में 15 लाख से अधिक लोगों को सेवा पहुँचाने का लक्ष्य है।

वर्त्तमान में ई०आर०वी० का औसत रिस्पान्स टाईम 15 मिनट है एवं बिहार राज्य रिस्पान्स टाईम के मामले में पूरे देश में सातवें स्थान पर है।

इस मौके पर पुलिस महानिदेशक, बिहार श्री विनय कुमार, ने पुलिस व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पुलिस प्रशासन की सुदृढ़ता हेतु आधारभूत संरचना एवं नवाचार भी प्रयोग किए जा रहे हैं। आगे उन्होंने बिन्दुवार निम्नवत् जानकारी दीः-

राज्य सरकार द्वारा बिहार पुलिस को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, जिसमें पुलिस थाना भवन / पुलिस केन्द्र का निर्माण एवं अन्य कार्य सम्मिलित है।

बिहार राज्य में कुल 968 CCTNS आच्छादित थानों में स्टेषन डायरी, FIR एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को CCTNS पोर्टल पर Real time में डिजिटल प्रारूप में प्रविष्टियों की जा रही है।

NCRB नई दिल्ली के द्वारा CCTNS परियोजना हेतु दिनांक-01.11.2024 को प्रकाषित प्रगति डैषबोर्ड रिपोर्ट में विभिन्न मापदंडों में प्रदर्शन के आधार पर बिहार राज्य को 84.27% अंक दिया गया है, जबकि गत वर्ष इस माह में 54.90% था।

CCTNS से आच्छादित सभी थानों के द्वारा 01 जुलाई, 2024 से प्रभावी तीन नये
आपराधिक कानूनों के तहत FIR दर्ज तथा जीरो FIR दर्ज करने की भी सुविधा दी गयी है।

e-sakshya पोर्टल पर कार्य करने हेतु राज्य के सभी थानों / ओ०पी०/ उच्च कार्यालयों को VC के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है। अबतक 2077 पुलिस पदाधिकारियों को उक्त पोर्टल में पंजीकृत किया गया है।

ITSSO (Investigation Tracking System for Sexual Offences) के अंतर्गत आई०पी०सी० की धारा 376 (नये BNS की धारा-64) एवं POCSO की धारा 4 एवं 6 अंतर्गत दर्ज कांडों से संबंधित मॉनिटरिंग की जा रही है।

राज्य के कुल 1357 पुलिस थानों / ओ०पी० का ई-मेल आई०डी० एवं मोबाईल नम्बर सहित बिहार पुलिस वेबसाईट पर अपलोड किया जा चुका है।
राज्य के 1212 पुलिस थाना/ओ०पी० में सी०सी०टी०वी० कैमरों के अधिष्ठापन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं शेष पुलिस थाना/ओ०पी० में कार्य प्रगति पर है।

वर्ष 2024 में राज्य सरकार द्वारा अब तक कुल 284 ओ०पी० को थाना में उत्क्रमित किया गया है। राज्य में अब तक सभी 38 जिलों में यातायात थानों का सृजन किया गया है, जिसका उद्देष्य यातायात नियंत्रण एवं सड़क दुर्घटना में कमी लाना है।

मोटर यान अधिनियम, 1988 एवं इसके अधीन बने नियमों को भंग / उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों अथवा वाहन मालिकों के द्वारा किए गए आरोपित अपराध हेतु स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से Automatic e-Challan एवं HHD (Hand Held Device) के माध्यम से ई-चालान काटे जाने के व्यवस्था के अन्तर्गत सभी जिला पुलिस / यातायात पुलिस द्वारा समन की कार्रवाई की जाती है।

बिहार पुलिस में सिपाही के कुल 21,391 रिक्त पदों पर केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती), बिहार, पटना के माध्यम से नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

पुलिस भवन निर्माण निगम की उपलब्धियाँ

एस०सी० / एस०टी० थाना, नक्सल थाना, मॉडल थाना, ग्रेड-4 थाना, ग्रेड-3 थाना, ग्रेड-2 थाना, पर्यटक थाना, ग्रामीण थाना, नदी थाना सहित कुल 664 थाना भवनों का निर्माण किया गया है। रोहतास एवं बगहा में जिला वितंतु भवन का निर्माण पूरा किया गया है।

एस०टी०एफ० ऑपरेशन सिस्टम, डॉग कैनेल, नियंत्रण कक्ष, क्षेत्रीय एफ०एस०एल०, जिला संचार केन्द्र, कारा विभाग, बिहार अग्निशमन, गृह रक्षा वाहिनी आदि के कुल 340 मुख्य भवनों का निर्माण किया गया।

बांका पुलिस लाईन, लखीसराय पुलिस लाईन, सुपौल पुलिस केन्द्र में नये भवनों का निर्माण, गया जिले के बी०एम०पी०-3 बोधगया परिसर में विशेष कार्यबल के प्रशिक्षण केन्द्र तथा आवासीय भवन एवं नवगछिया पुलिस केन्द्र में नये भवनों का निर्माण कार्य कराया गया है।

पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों के आवासन हेतु कुल 3701 युनिट एवं कुल 33761 सिपाहियों के आवासन हेतु सभी सुविधाओं सहित बैरक का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।

विशेष शाखा हेतु उच्चस्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र, पटना का निर्माण पूर्ण किया गया है।

राज्य के 277 थाना/ओ०पी० के परिसर में 20 महिला सिपाही क्षमता का बैरक, 246 थानों / ओ०पी० के परिसर में 10 महिला सिपाही क्षमता का बैरक एवं 22
थानों / ओ०पी० के परिसर में 05 महिला सिपाही क्षमता का बैरक के निर्माण हेतु प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

राज्य के 14 पुलिस लाईन के परिसर में 300 महिला सिपाही क्षमता का बैरक, 6 पुलिस लाईन के परिसर में 200 महिला सिपाही क्षमता का बैरक, 2 पुलिस लाईन के परिसर में 150 महिला सिपाही क्षमता का बैरक एवं 2 पुलिस लाईन के परिसर में 100 महिला सिपाही क्षमता का बैरक के निर्माण हेतु प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

पुलिस केन्द्र, डिहरी के परिसर में 500 महिला सिपाही क्षमता का बैरक (G+5) के निर्माण हेतु प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

राज्य के सभी 38 जिलों को विधि विज्ञान प्रयोगशाला से सम्बद्ध करने के लिए 9 क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला हेतु भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया है।

अभियोजन

राज्य में सषक्त अभियोजन के माध्यम से दोषियों को सजा दिलाने के प्रयास के कम में माह जनवरी 2024 से माह अक्टूबर, 2024 तक कुल 1,20,903 अपराधिक कांडों में कुल 1,62,803 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है, जिसमें जघन्य अपराध से सम्बन्धित 836 काण्डों में 1687 अभियुक्तों को, अनुसूचित जाति एवं जनजाति से सम्बन्धित 232 काण्डों में 527 अभियुक्तों को, एन०डी०पी०एस० से सम्बन्धित 298 काण्डों में 410 अभियुक्तों को, पॉक्सो से सम्बन्धित 539 काण्डों में 724 अभियुक्तों को, उत्पाद से सम्बन्धित 1.12.252 काण्डों में 1.49.177 अभियुक्तों को, आर्म्स एक्ट से सम्बन्धित 361 काण्डों में 466 अभियुक्तों को तथा अन्य अपराध से सम्बन्धित 6,385 काण्डों में 9,839 अभियुक्तों की सजा दिलायी गयी है।

India Crime Record द्वारा जारी वर्ष, 2022 के रिपोर्ट के अनुसार अनु० जाति एवं अनु०जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) में सबसे अधिक सजा कराने में बिहार का स्थान तीसरा है।

ICJS के अन्तर्गत e-prosecution में DUTR Case Registration में बिहार का स्थान तीसरा रहा एवं Over all छठा स्थान रहा।

राज्य में गवाहों को निर्भीक होकर गवाही देने के उद्देश्य से “बिहार गवाह सुरक्षा योजना, 2018” को क्रियान्वित हेतु खर्च का वहन करने के लिए गवाह सुरक्षा निधि गठित किया गया है। जनवरी, 2024 से सितम्बर, 2024 तक कुल 107 गवाहों को इस योजना के तहत् सुरक्षा प्रदान की गयी है।

एक साथ 541 सहायक अभियोजन पदाधिकारियों की नियुक्ति करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना, जिसमें 211 महिला सहायक अभियोजन पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी है।

दिनांक-30.06.2024 तक बिहार अभियोजन सेवा के राज्य के अन्दर कुल 1040 अभियोजन पदाधिकारियों एवं राज्य के बाहर 76 अभियोजन पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाया गया है।

राज्य की काराओं का सुदृढीकरण

राज्य की 08 केन्द्रीय काराओं एवं 02 मंडल काराओं में कारा उद्योग संचालित है। बंदियों द्वारा निर्मित सामग्रियों को मुक्ति ब्राण्ड के नाम से पहचान दी गई है, जिसमें लगभग 100 प्रकार की उच्च गुणवत्ता युक्त सामग्रियों का उत्पादन किया जा रहा है।
राज्य की 08 केन्द्रीय काराओं एवं 33 मंडल काराओं में “जेल रेडियो” का अधिष्ठापन किया गया है।

राज्य की काराओं में संसीमित बंदियों द्वारा अनाधिकृत रूप से उपयोग होने वाले मोबाईल कॉल को रोकने हेतु Tower of Harmonious Call Blocking System (T-HCBS) के अधिष्ठापन की कार्रवाई संप्रति प्रक्रियाधीन है।

राज्य की 16 काराओं में 34 अद्द अतिरिक्त बंदी कक्ष के निर्माण हेतु ₹104,73,62,638 की स्वीकृति प्रदान की गई है और 15 काराओं में अधीक्षक आवास के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। निर्माण कार्य प्रगति पर है।

राज्य के 52 काराओं में पुरूष कक्षपाल बैरक एवं महिला कक्षपाल बैरक के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है और निर्माण कार्य प्रगति पर है।

राज्य के 30 काराओं में संसीमित बंदियों के लिए शौचालय-सह-स्नानागार निर्माण हेतु ₹19,58,35,000 स्कीम की स्वीकृति प्रदान करते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

41 काराओं में Frisking Room का निर्माण एवं सुरक्षात्मक उपकरणों के अधिष्ठापन की स्वीकृति प्रदान की गई है।

आदर्श केन्द्रीय कारा, बेऊर, पटना, केन्द्रीय कारा, मोतिहारी, पूर्णियां, बक्सर, शहीद जुब्बा सहनी केन्द्रीय कारा, भागलपुर, शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय कारा, मुजफ्फरपुर, महिला मंडल कारा, भागलपुर एवं बक्सर में नये उद्योगों के अधिष्ठापन हेतु विभिन्न प्रकार के मशीनों का क्रय किये जाने के लिए कुल राशि ₹4,84,76,700 स्कीम की स्वीकृति प्रदान की गई है।

भागलपुर जिला में कहलगांव अनुमंडल में उपकारा के निर्माण हेतु ₹42,37,49,000 की स्वीकृति दी गई है।

राज्य के 08 केन्द्रीय काराओं में संसीमित बंदियों को अस्पताल या मेडिकल कॉलेज लाने ले जाने हेतु अतिरिक्त 08 Ambulance का ₹1,56,73,851 की लागत पर क्रय किया गया है।

राज्य स्कीम वित्तीय वर्ष-2023-24 अन्तर्गत जेल कोर्ट VC परियोजना के वार्षिक रख-रखाव, मैन पावर की सेवा विस्तारित करने एवं परियोजना परामर्शी की सेवा हेतु कुल ₹4,12,15,313 की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

सैनिक कल्याण निदेशालय

वर्तमान में राज्य में 13 जिला सैनिक कल्याण कार्यालय कार्यरत है। इसके अतिरिक्त 12 नये जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों की स्थापना हेतु अग्रेत्तर कार्रवाई की जा रही है।

भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों को दिये जाने वाले विधवा पुनर्विवाह अनुदान राशि ₹1,00,000 से बढ़ा कर ₹2,00,000 की गई है।

शहिद सैनिकों के माता-पिता को दिये जाने वाले आर्थिक सहायता राशि ₹1,00,000 से बढ़ा कर ₹2,00,000 की गई है।

भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों तथा वीर नारियों के समस्याओं के निराकरण हेतु राज्य के 31 जिलों में अनुश्रवण समिति का गठन किया जा चुका है एवं 07 जिलों में अनुश्रवण समिति के गठन की कार्रवाई की जा रही है।

द्वितीय विश्व युद्ध के विसज्जित सैनिकों के विधवाओं को वर्ष 2024-25 में ₹8,27,500 की आर्थिक सहायता राशि दी गई है।

बिहार निवासी शौर्य पुरस्कार विजेताओं को दिये जा रहे नगद राशि में निम्नवत् बढ़ोतरी की गर्न है

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गृह रक्षा वाहिनी

वर्ष-2023 में राज्य में कुल 3273 गृहरक्षकों का एवं वर्ष 2024 में कुल 875 गृह रक्षकों का नामांकन किया गया है, जिन्हें बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया है।

गृह रक्षकों के गुणवत्तापूर्वक प्रषिक्षण देने के लिए सेना के सेवानिवृत्त 13 प्रषिक्षक कार्यरत हैं।

इस वर्ष 11,180 गृह रक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है।

बिहार गृह रक्षा वाहिनी के सभी जिला इकाई के कार्यालयों के बुनियादी ढाँचा का विकास किये जाने का लक्ष्य है। इसके लिए 05 जिला इकाई यथा-औरंगाबाद, छपरा, कटिहार, मुंगेर, जहानाबाद में कार्यालय भवन के निर्माण हेतु ₹44,39,99,000 की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है।

प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार गृह रक्षा वाहिनी, केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, बिहटा को एक आदर्श प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 15 सहित गृह रक्षकों के परिवारों को 15-15 लाख कुल 2.25 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। इसके अलावा 72 घायल / बीमार गृहरक्षकों को बड़े अस्पतालों में ईलाज की सुविधा दी गयी।

जनवरी 2024 से अबतक कर्तव्य के दौरान 228 मृत गृहरक्षकों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नवनामांकित किया गया है। साथ ही 195 मृत गृहरक्षकों के आश्रितों को 4-4 लाख रूपये की दर से रू0 7.80 करोड़ का भुगतान किया गया है।

जनवरी 2024 से अबतक 2,995 सेवानिवृत्त गृहरक्षकों को 1.5 लाख रूपये की दर से कुल 44.93 करोड़ रूपये का सेवानिवृत्ति अनुदान का भुगतान किया जा चुका है।

अग्निशमन सेवा

वर्तमान में बिहार अग्निषमन सेवा के 4,991 पदाधिकारी/कर्मी कार्यरत हैं। कुल 798 (255 वाटर टेंडर, 15 वाटर बाउजर, 26 फोम टेंडर, 07 हाईड्रोलिक प्लेटफार्म, 475 M.T अग्निषामक वाहन, 12 मिस्ट मोटर साईकिल) अग्निषामक वाहन उपलब्ध है।

वर्तमान में 120 अ०ष० स्वीकृत है, जिसमें 46 अग्निषामालय भवन अपने परिसर में अवस्थि है। 16 अ०ष० भवन निर्माणाधीन है, 21 निविदा प्रक्रिया में है, 10 के लिए भूमि हस्तांतरित है।

बिहार अग्निशमन सेवा द्वारा अग्निक के कुल 2300 पदों पर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति की गई है।

अग्निशमन प्रशिक्षण अकादमी बिहटा, पटना के लिए आवश्यक अग्निशमन उपकरण के क्रय हेतु ₹338.6764 लाख, 122 नये अग्निशामक वाहनों के क्रय हेतु ₹78 करोड़, 2380 अद्द फायरमैन हेमलेट के क्रय हेतु ₹35.70 लाख एवं 62 मीटर ऊचाई के हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म-सह-टर्म टेबुल एरियल लैडर कि क्रय हेतु ₹12.95 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।

इस वर्ष कुल 4024 अग्निशमन कर्मियों को विभिन्न प्रषिक्षण संस्थानों (NFSC Nagpur,
बिहार अग्नि प्रषिक्षण अकादमी, बिहटा, IDTR, औरंगाबाद एवं FSTI, NISA हैदराबाद) में प्रषिक्षण दिया गया।

आम लोगों को अग्नि सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने हेतु इस वर्ष माह नवम्बर तक कुल 3,15,318 मॉकड्रिल, 32,019 स्थानों पर LED वैन से प्रचारण, 17,015 स्थानों पर नुक्कड़ नाटक तथा 47,610 बैनर होर्डिंग्स के माध्यम से जन-जागरूकता कार्यक्रम किये गये हैं।

जीविका दीदीयों के साथ कुल 45,447 बैठक एवं कुल 68,49,573 पैम्फलेट का वितरण एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर बैनर होर्डिंग्स सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के माध्यम से लगवाये गये हैं।

सोषल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिहार अग्निशमन सेवा का पेज जेनरेट कर व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

वर्ष 2024 (नवम्बर तक) कुल 18211 सरकारी एवं निजी भवनों यथा-वैक्षणिक भवनों, अस्पतालों, होटलों, पेट्रोल पम्पों गैस एजेंसियों आदि का अंकेक्षण कराया गया है।

बिहार अग्निषमन सेवा नियमावली, 2021 के आलोक में नवसृजित राजपत्रित / अरापत्रित कोटि के पदों के लिए Uniform, Formation Sign (Insignia) Badges of Rank, Peak cap, Collar Patches आदि का निर्धारण किया गया है।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान गृह विभाग के सचिव श्री प्रणव कुमार, विशेष सचिव, श्रीमती के० सुहिता अनुपम, अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) श्री कुन्दन कृष्णन् तथा श्री सुनील नायक, पुलिस महानिरीक्षक (गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाएँ) भी उपस्थित थे।

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