शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन, पुत्र अंशुमन ने दी मुखाग्नि, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार!

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रिपोर्ट- अमित कुमार!

हेडलाइन:
स्वर साम्राज्ञी शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन, बेटे अंशुमान ने दी मुखाग्नि, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई, नम हुईं सबकी आंखें

एंकर:
आज पूरे देश में शोक का माहौल है, जब संगीत की साम्राज्ञी शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन हो गईं। अपनी अद्वितीय आवाज और संस्कृति से जुड़े लोकगीतों के लिए जानी जाने वाली शारदा सिन्हा ने करोड़ों दिलों में अपनी खास जगह बनाई। पटना में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें उनके बेटे अंशुमान ने उन्हें मुखाग्नि दी। परिवार, मित्रों, प्रशंसकों और अनेक राजनेताओं की मौजूदगी ने इस विदाई को और भी भावुक बना दिया। आइए, जानते हैं इस अंतिम संस्कार से जुड़ी कुछ विशेष बातें…

खबर:
बिहार की संगीत की मर्मस्पर्शी आवाज और लोक गायकी की पहचान, शारदा सिन्हा का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। पटना के गुलबी घाट पर आयोजित इस अंत्येष्टि में उनके परिवार, स्नेहीजनों, प्रशंसकों और कई राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया। बेटे अंशुमान ने अपनी मां को मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। इस मौके पर वहां मौजूद हर आंख नम थी, और शारदा सिन्हा की यादें सभी के दिलों में ताज़ा हो उठीं।

प्रदेश के कई वरिष्ठ राजनेताओं ने गुलबी घाट पहुंचकर शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान की सराहना की। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और पूर्व सांसद रामकृपाल यादव भी अंतिम संस्कार में उपस्थित रहे। बिहार सरकार के निर्देशानुसार, उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। उनके इस योगदान को सदियों तक याद किया जाएगा, जिसने भोजपुरी और मैथिली भाषा के लोकगीतों को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी पहचान दिलाई।

शारदा सिन्हा की आवाज में गाए उनके कई गीत अब भी लोकसंस्कृति का हिस्सा माने जाते हैं और उनके योगदान को संगीतप्रेमियों के दिलों में हमेशा के लिए जीवित रखेंगे।

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