रिपोर्ट- आशुतोष पांडेय!
हर साल बिहार में आने वाली बाढ़ की भयावहता और तबाही इस साल अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. लाखों–लाख की आबादी बेहद तकलीफ में है. घर, खेती, पशुधन, स्वरोजगार सब तबाह हो चुके हैं.
इसे प्राकृतिक आपदा कहकर पल्ला झाड़ने वाली सरकार ही वास्तव में इस तबाही की जिम्मेदार है. नदियों का प्रबंधन, बांधों की सुरक्षित प्रणाली का निर्माण, नदी व पर्यावरण विशेषज्ञों की सिफारिशों पर संजीदगी से अमल करने और युद्ध स्तर पर आपदा राहत कार्यक्रम चलाने की जगह सरकारी अमला ‘आपदा में अवसर ’ पाकर करोड़ों का वारा न्यारा करने में व्यस्त हो जाता है और हवाई सर्वेक्षण की लफ्फाजी चलती रहती है.
ऐसे में केंद्र–राज्य सरकारों की विफलता से पैदा इस तबाही के लिए उन्हें घेरने के साथ नौजवानों को राहत अभियान जारी है पूरे राज्य में इंकलाबी नौजवान सभा, प्रखंड व जिला कमिटियां 5 से 8 अक्टूबर तक , 4 दिनों का ‘बाढ़ राहत संग्रह अभियान’ शुरू है . बैनर झंडा लेकर भोजपुर के अगिआव बाज़ार में RYA ने हाथों में डब्बा लेकर बाढ़ राहत कोष संग्रह चलाया इस अभियान से पीड़ित जनता के लिए हम कुछ राहत सामग्री भेज पाएंगे राहत संग्रह अभियान में इंकलाबी नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष निरंजन केशरी, RYA जिला कमिटी सदस्य अप्पू यादव, अमित यादव, संजय जी, मनमोहन कुमार, उपेन्द्र कुशवाहा,सन्नी पासवान शामिल थे