नालंदा नेत्रालय की ‘आई केयर वाहन’ बन रही ग्रामीणों के लिए रोशनी की किरण!

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रिपोर्ट- आशीष कुमार

एक दिन में 190 से अधिक लोगों की आंखों की जांच

आयुष्मान भारत योजना से मिलेगी नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा

नालंदा : जिले में एक अनोखी पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की नई इबारत लिख दी है। नालंदा नेत्रालय की ‘आई केयर वाहन’ ने एक बार फिर जरूरतमंद लोगों के जीवन में प्रकाश फैलाने का बीड़ा उठाया है। रविवार को यह चलता-फिरता नेत्र चिकित्सालय बिहारशरीफ से निकलकर गोपालबाद पहुंचा, जहां स्थानीय समर्थन और चिकित्सा दल के संयुक्त प्रयास से 190 से अधिक ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया। इस नेक पहल को सफल बनाने में स्थानीय नेतृत्व की भूमिका अहम रही। मुखिया रूबी कुमार, पप्पू कुमार, धनंजय कुमार और सुनील कुमार यादव ने अपना भरपूर सहयोग प्रदान किया, जिससे चिकित्सा शिविर का आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हुआ।

चिकित्सा सेवाएं और जागरूकता

डॉ. अरविंद कुमार सिन्हा के नेतृत्व में चिकित्सा दल ने न केवल 190 से अधिक ग्रामीणों के नेत्रों का नि:शुल्क परीक्षण किया, बल्कि उन्हें आंखों की देखभाल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्रदान कीं। यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आयुष्मान भारत योजना का प्रचार

चिकित्सा दल ने इस अवसर का उपयोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को राहत पहुंचाने के लिए भी किया। उन्होंने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत’ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। लोगों को बताया गया कि आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से वे नि:शुल्क इलाज और ऑपरेशन करवा सकते हैं।

डॉ. अरविंद का संकल्प

डॉ. अरविंद कुमार सिन्हा ने दृढ़ संकल्प लिया है कि आंखों से संबंधित बीमारियों के इलाज से कोई भी व्यक्ति वंचित नहीं रहेगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वे लगातार गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों की आंखों का परीक्षण कर रहे हैं और जरूरतमंदों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़कर उन्हें आर्थिक राहत दे रहे हैं। इस नेक कार्य में डॉ. अरविंद का साथ दे रहे हैं संजय कुमार, चंदन, प्रमोद, मनीष कुमार, ब्यूटी, अंशु, पूजा, जितेंद्र और प्रिंस। यह टीम डॉ. अरविंद कुमार सिन्हा और अभिनव कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में काम कर रही है। नालंदा नेत्रालय की यह पहल एक दिन की नहीं है। शुक्रवार को भी इसी तरह का एक शिविर पावा में आयोजित किया गया था, जिसमें संजय कुमार, चंदन कुमार, रोहित कुमार और संजय कुमार (द्वितीय) ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं।

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