रिपोर्ट- आशीष कुमार
चूल्हे की आग में जल रही शिक्षा की उम्मीदें
नालंदा : जिले के रहुई प्रखंड में स्थित दो विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना की स्थिति चिंताजनक है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय दौलतपुर और राधूनाथपुर मध्य विद्यालय में आधुनिक सुविधाओं के अभाव में बच्चों का भोजन अभी भी पारंपरिक चूल्हों पर बनाया जा रहा है। स्कूलों की रसोइया सावित्री देवी और उनकी सहयोगी ने बताया कि सरकार द्वारा गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए जाने के बावजूद, उन्हें चूल्हे और गोइठा पर खाना पकाने को मजबूर होना पड़ता है। इससे न केवल उन्हें धुएँ की समस्या का सामना करना पड़ता है, बल्कि भोजन की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। मध्याह्न भोजन योजना के तहत, शुक्रवार को बच्चों को पुलाव, काबली चना, सलाद, उबला अंडा और मौसमी फल दिया जाना था। लेकिन वास्तविकता में, केवल चावल और आलू ही परोसे जा रहे थे। रसोइयों का आरोप है कि प्रधानाध्यापक मेन्यू का पालन नहीं करते और अपनी मर्जी से भोजन बनवाते हैं। इस मुद्दे पर कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्थिति न केवल रसोइयों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि बच्चों के पोषण पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। यह मामला मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन में व्याप्त गंभीर खामियों को उजागर करता है। स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की जा रही है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और पौष्टिक भोजन मिल सके। वही इस संबंध में डीपीएम उषा कुमारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और इसे 2 दिन का टाइम दिया जाएगा और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।