रिपोर्ट – प्रवीण प्रियदर्शी
बेगूसराय में शिवलिंग खंडित किए जाने की घटना मीडिया में प्रमुखता से बना रहा, और यही कारण था की प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला दिनकर जयंती समारोह पीछे छुट गया सा प्रतीत हुआ, जबकी आज जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने दिनकर जयंती पर सिमरिया पहुँचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया, इस खबर पर वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी ने बड़ी कवरेज की!
सिमरिया में दिनकर की 115 वीं जयंती समारोह का LG मनोज सिन्हा ने उद्घाटन किया! दिनकर जी की पावन जन्मस्थली सिमरिया में
रामधारी सिंह दिनकर उच्च विद्यालय परिसर में आयोजन के 50 वें वर्ष के मौके पर उपराज्यपाल ने कहा की प्राचीन काल से हमारा देश अपनी अंतर कृति को तलाशने में लगा है। हमारी स्मृति को निरंतर साहित्य के बेजोड़ महापुरुषों का सानिध्य मिलता रहा और इसकी आकाशगंगा में लाखों तारे आज भी टिमटिमाते आ रहे हैं लेकिन आप दिनकर को देखेंगे तो दिनकर भारतीय साहित्य के ध्रुवतारा हैं। उन्होंने दिनकर के व्यक्तित्व के बारे में बातें करते हुए कहा कि दुनिया में यदा-कदा ऐसे व्यक्ति उदय हुए हैं जिनके माध्यम से राष्ट्रगीत गाता है। उसी तरह दिनकर के अमर एवं विराट व्यक्तित्व के माध्यम से भारत में अपनी भावनाओं को बराबर स्वर दिया है। दिनकर साहित्य की आत्मा हैं, कविताओं की ज्वाला हैं दिनकर और समाज का पुरुषार्थ भी दिनकर ही है। मनोज सिन्हा ने कहा कि दिनकर के बिना भारत की कल्पना अधूरी है। दिनकर के बिना इतिहास का मूल्यांकन भी फीका है। आज दिनकर के बिना आजादी के पूर्व और आजादी के बाद भारत के प्राणों में ऊर्जा की कल्पना बेमानी है। उन्होंने दिनकर के विराट व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि दिनकर भारत के नैतिक मूल्यों में हैं। भारत के आदर्श में दिनकर हैं, भारत की रोशनी में दिनकर हैं। भारत के साहस, संकल्प, आत्मविश्वास के केंद्र बिंदु हैं दिनकर। कहा कि दिनकर 20 वीं और 21वीं सदी के शाश्वत समाज के प्रदीप्त दिनकर हैं। उन्होंने 1954 में दिनकर जी के भाषण की चर्चा करते हुए कहा दिनकर ने कहा था कि भ्रष्टाचार समाज का कैंसर है। सरकार इसको रोकने के लिए कठोर निर्णय ले नहीं तो देश डूब जाएगा। उन्होंने हिंदी भाषा के मामले में दिनकर जी के पक्ष की चर्चा करते हुए कहा कि अंग्रेजी दफ्तर की भाषा है। कहा कि जिस भाषा में सरकारी नोट लिखते हैं उसी भाषा में हमें वोट मांग कर भी दिखना चाहिए। वे युद्ध नहीं शांति की बात करते थे। इसलिए दिनकर भारत निर्माण के बुद्ध पुरुष भी थे। उन्होंने जम्मू कश्मीर के प्रकरण में कहा कि जम्मू में तेजी से विकास का कार्य हो रहा है। जल्दी जम्मू कश्मीर आतंकवाद मुक्त होगा और यही दिनकर की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सांसद ने किया सभा भवन का शिलान्यास, कहा-कीर्ति ही दिनकर की है स्मृति बेगूसराय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कीर्ति ही स्मृतियों में बदलती है। दिनकर ने कभी राष्ट्र से कभी समझौता नहीं किया इसलिए वे आज अमर हैं। दिनकर ने साइमन कमीशन के विरोध में हुए आंदोलन में भाग लिया और साथ ही सरदार पटेल के वारदोली आंदोलन का हिस्सा बने। सांसद ने कहा कि दिनकर ने सही बोलने में कभी देर नहीं की। 1962 में चीन से हार के बाद संसद में पंडित नेहरू से कहा कि हिंदी को राजभाषा क्यों बनाया कि उन्हें अपमानित होना पड़ता है। कहा कि दिनकर कभी रुके नहीं, दिनकर कभी झुके नहीं। दिनकर कभी विद्रोही और कभी राष्ट्रकवि रहे। दिनकर अपनी रचनाओं के कारण जाने जाते रहे। उन्होंने कहा कि दिनकर की स्मृति में मैं काम करूंगा। दिनकर की स्मृति में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार ने कहा कि सत्ता जब-जब लड़खड़ाती है तो साहित्य उसे संभालता है कहते हुए दिनकर ने अपने शब्दों में राजनीति को अपना सन्देश दिया था। वहीं उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा जम्मू कश्मीर की स्थिति संभालने की भी चर्चा करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति बदल रही है। मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह ने कहा कि दिनकर हमारी भाषा के उदबोधन कवि हैं। इस ग्राम का स्वरूप आदर्श हो, इसके लिए संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिनकर की स्मृति में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हो ताकि दिनकर याद रहे, ताकि दिनकर की लाचारी दूर हो। विधान परिषद सदस्य सर्वेश कुमार ने कहा कि सिमरिया में कुछ बेहतर हो ताकि दुनिया के लोग जैसे शेक्सपियर के गृह स्थल तक जाते हैं वैसा ही कुछ सिमरिया को भी रूप मिले। यहां आडिटोरियम बने और पुस्तकालय को बेहतर रूप मिले। मंच संचालन करते हुए पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार ने कहा कि भीष्म के बाद दिनकर दूसरे गंगा पुत्र हुए हैं। वे विश्व कवि हैं और विद्रोही कवि थे। समारोह को भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव वर्मा, पूर्व विधायक श्रीकृष्ण सिंह, जिला परिषद के अध्यक्ष सुरेंद्र पासवान, उपाध्यक्ष नंदलाल राय सहित अन्य ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनकर स्मृति विकास समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, स्वागत भाषण राजेश कुमार और धन्यवाद ज्ञापन अमरदीप सुमन ने किया। इसके पूर्व बिहार पुलिस की टुकड़ी द्वारा विद्यालय परिसर में चांदनी सुमन के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मौके पर दिनकर की पौत्री पदमा सिंह, आर्यभट्ट निदेशक प्रो अशोक कुमार सिंह अमर, शिक्षक नेता सुरेश प्रसाद राय, सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर, जिला परिषद सदस्य राजीव सिंह, भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, कुंदन भारती, कृष्ण मोहन पप्पू समेत जिले के अनेक गणमान्य माैजूद थे। वह प्रदीप जो दिख रहा है…. इस अवसर पर कलाकार सान्या, रश्मि और विजय कुमार के संगत में दिनकर रचित कविताओं की सस्वर की प्रस्तुति की गयी। लोहे के पेड़ हरे होंगे.., वह प्रदीप जो दिख रहा है..आजादी का जश्न देखने जैसे गीतों की प्रस्तुति की गयी। इस अवसर पर स्वागत गान रामधारी सिंह दिनकर उच्च विद्यालय की संगीत शिक्षिका कविता कुमारी के निर्देशन में छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर पुस्तकालय के समिति सदस्य अध्यक्ष विशंभर सिंह, प्रवीण प्रियदर्शी, सचिव प्रदीप कुमार, लक्ष्मण देव, कैलाश सिंह, राजेंद्र सिंह, शंभू प्रसाद सिंह, ललन कुमार सिंह, कृष्णनंद पिंकू, विजय कुमार चौधरी, गोपाल कुमार सिंह सहित अन्य द्वारा अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र व प्रतिक चिन्ह भेंटकर किया गया। जबकि विद्यालय प्रधान कुलदीप सिंह यादव द्वारा मिथिला पेंटिंग और अर्णव चौहान द्वारा पेंटिंग भेंट किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के द्वारा विद्यालय परिसर में नए सभा भवन के शिलान्यास की नींव रखी गयी।