रिपोर्ट: ऋषिकेश कुमार
नालंदा । मथुरापुर गांव के पहियारा खन्धे के पास पंचाने नदी का तटबंध टूटने की वजह से रहुई के आधे दर्जन गांवों के खन्धे में कमर भर से ज्यादा पानी हो गया है। रविवार की रात नदी का तटबंध करीब 100 फीट टूट गया है। पानी की तबाही का मंजर यह है कि बासक सैदी गांव में लगभग घरो में पानी घुस चुका है। कुछ लोग अपने घरों के छतों पर आशियाना बनाये हुए है। वहीं कुछ लोग बगल के स्कूल में तो कई लोग दूसरे घरो में शरण लिए हुए है।
सैदी गांव निवासी भूषण मांझी, उपेन्द्र मांझी, बीरबल मांझी, राजो मांझी, सुधीर बिंद अन्य लोगो ने बताया कि घरों में पानी जमा होने की वजह से अनाज भींग गया है। गांव के गलियों में पानी का मंजर यह कि छोटे छोटे बच्चों को घर मे बांधकर रखने को मजबूर होना पड़ रहा है। रात की नींद गायब हो चुकी है, घर से निकलने के सभी रास्तों मे पानी ही पानी है। हर वर्ष घरो व गलियों में पानी नदी का तटबंध टूटने से फैल जाता है।
अधिकारी हर साल की तरह आश्वाशन देते है कि समस्या का स्थायी निदान कर दिया जायेगा । लेकिन हर वर्ष हमलोग साल में चार महीने नरकीय जीवन गुजारने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष प्रशासन की नाकामी का दंश सैदी गांव के लोगो को झेलना पड़ता है। इंद्र भगवान के आते ही अधिकारियों की टीम भी गांव में नजर देते है। स्कूल या टेंट में ग्रामीणों चार दिन भोजन कराकर अपनी ड्यूटी निभाने के बाद फिर अगले साल नजर फिर बाढ़ आने पर ही आते है।
मई फरीदा पंचायत के मुखिया अरुण कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन से प्रभावित लोगों को आने जाने के लिये नाव की व्यवस्था करनी चाहिये थी। समय रहते जिला प्रशासन के द्वारा अगर तटबंध की मरम्मत कार्य किया जाता तो ग्रामीणों को परेशानी नही झेलनी पड़ती।