रिपोर्ट: ऋषिकेश कुमार

नालन्दा। लोक जनशक्ति पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के दारोमदारगी को लेकर चाचा भतीजे के बीच हुए राजनीतिक लड़ाई का असर नालन्दा जिलेमें भी देखने को मिल रहा है। इसी को लेकर बिहार शरीफ रामचंद्रपुर स्थित लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जिला प्रवक्ता रामकेश्वर प्रसाद उर्फ पप्पू ने कहा कि पशुपति कुमार पारस केंद्रीय मंत्री बनने की इच्छा बरसों से पाले हुए थे। लगातार नीतीश कुमार के संपर्क में थे। इसी स्वार्थ में चाचा पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान के पीठ में खंजर भोंकने का काम किया है और आज अपने आप को संसदीय दल का नेता और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बता रहे हैं। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना तो दूर जिलाध्यक्ष बनने की क्षमता उनमें नहीं है। कहीं ऐसा संभव है कि सिर्फ और सिर्फ पांच सांसद की रजामंदी से पूरी पार्टी धराशाई हो जाए। राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने का अधिकार राष्ट्रीय कमेटी के सदस्यों को है। इसमें लगभग 75 सदस्य हैं और उन 75 सदस्यों में मात्र 9 सदस्य पारस खेमे में है। ऐसे में दूर-दूर तक संभव नहीं दिखाई देता है कि पशुपति पारस कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर आसीन हो सकते हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान कल भी थे आज भी है और कल भी रहेंगे। चिराग पासवान हमेशा पार्टी और परिवार को साथ लेकर चलने की पुरजोर कोशिश करते रहे हैं। पार्टी नेता चिराग पासवान के पीछे पूरे पार्टी का संगठन, पूरे देश के जिलाध्यक्ष, पार्टी के तमाम छोटे से लेकर बड़े पदाधिकारी सब इनके साथ हैं और बिहार ही नहीं पूरे देश की जनता भी इनके साथ है। इस घटनाक्रम को पूरा आवाम देख रहा है और सभी के मुंह से सिर्फ एक ही आवाज आ रही है कि पशुपति कुमार पारस ने अपने लोभ में आकर मंत्री बनने की लालसा में जो इन्होंने कदम उठाए हैं और अपने भतीजे चिराग पासवान के पीठ में खंजर भोंकने का जो काम किए हैं। जनता इसके लिए उनको कभी माफ नहीं करेगी। नालंदा जिले के तमाम लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ता सांसद चिराग पासवान के साथ हैं उनके एक इशारे पर पूरा पार्टी संगठन उनके निर्देश पर चलने के संकल्प के साथ मजबूती से खड़ा है। महज पांच सांसद मिलकर बंगला का एक भी ईंट इधर से उधर नहीं कर सकते हैं।