बेगूसराय के निजी विद्यालय में धूमधाम से मनाया गया मदर्स डे!

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प्रशान्त कुमार की रिपोर्ट

बेगूसराय में किड्स जी ने मदर्स डे धूमधाम से मनाया

एंकर-बेगूसराय माना जाता है कि मदर्स डे मनाए जाने की शुरुआत अमेरिका से हुई। यहां एना जॉर्विस नाम की एक महिला ने अपनी मां की खुब सेवा की और शादी भी नहीं की। मां की मौत के बाद अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा में लगा दी। अमेरिकी सरकार ने एना के सम्मान में मदर्स डे मनाए जाने का फैसला लिया। सन 1914 में औपचारिक रूप से पहला मदर्स डे मनाया गया। तब से यह दिन मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता आ रहा है।माताओं के प्रति प्यार और सम्मान को समर्पित ‘मदर्स डे’ को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी माउंट लिट्रा पब्लिक स्कूल उलाव सह किड्जी  बीआरटीएस में धूमधाम से मनाया गया । इस अवसर पर बच्चों के साथ-साथ माताओं ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम में गणेश वंदना,ओ मेरी मां ,लंदन ठुमक दा ,प्यारी मां मम्मा ,आवारा भंवरे ,हे कालरात्रि ,रेसिंग ऑफ कटेन जैसे एक से बढ़कर एक मोहक नृत्य से भरे संगीत ने सबको मंत्रमुग्ध किया वही प्रेरणा स्रोत मातृत्व नैतिक मूल्य को जगाने वाले एक लघु नाटक का भी मंचन किया गया। विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती शीतल देवा ने कहां की  मां को ईश्वर के समान दर्जा दिया गया है। सिर्फ ईश्वर ही नहीं बल्कि वह हमारी गुरु भी होती हैं। बच्चा जब बोलना सीखता है तो वह सबसे पहला शब्द मां या मम्मी ही बोलता है। दुख हो या सुख हर भावना में व्यक्ति को सबसे पहले मां की ही याद आती है। मां से बड़ा और अनमोल धन इस दुनिया में कुछ नहीं है। मदर्ड डे इसी मां के प्रति अपना प्यार,लगाव, आभार और सम्मान दिखाने का दिन है। एक मां न सिर्फ बच्चे को जन्म देती है बल्कि अपने सभी सुखों को छोड़कर उसे पाल पोस कर बड़ा करती है। बच्चों व परिवार की खुशियों के लिए अपना सब कुछ त्याग देती है। आज मां के इसी त्याग, निस्वार्थ प्रेम और समर्पण को सलाम करने का दिन है।साथ ही श्रीमती देवा ने कहा कि विद्यालय इन कार्यक्रमों  के माध्यम से नैतिक चेतना को जागृत करने का काम करती है क्योंकि मानव जीवन का मूल स्तंभ  ही मां है इनकी महत्ता को समझे बगैर दी गई शिक्षा अधूरी है विद्यालय के निदेशक डॉ मनीष देवा ने कहा कि एक स्त्री अपने जीवन में बेटी, बहू, पत्नी जैसे ना जाने कितने रिश्ते को निभाती है इन सभी रिश्तो में सबसे ज्यादा सम्मान प्राप्त रिश्ता है तो वह मां का है मां की महत्व की व्याख्या शब्दों में नहीं की जा सकती श्री देवा ने कार्यक्रम में उपस्थित माताओं अतिथियों एवं विद्यालय कर्मियों को मातृत्व दिवस की शुभकामनाएं दी ।

बाईट-शीतल देवा प्राचार्या

बाईट-सोनीका अभिभावक

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