भूसे की ढेर के बीच जीर्ण शीर्ण भवन में चल रहा है महानंदपुर का स्वास्थ्य उपकेंद्र !

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ऋषिकेश कुमार

पिछले वर्ष ही कोरोना काल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सूबे के सभी स्वास्थ्य उपकेंद्र को ठीक कर ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करने का निर्देश दिया गया था । बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में कई ऐसे स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं जो जीर्ण शीर्ण अवस्था में चल रहा है । कही मकान गिर गया है तो कही भूसे के ढेर के बीच स्वास्थ्य उपकेंद्र चलाया जा रहा है । बिहारशरीफ मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर कोरई पंचायत स्थित महानंनदपूर का स्वास्थ्य उपकेंद्र को देख कर ही सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ के लोगों को किस तरह का स्वास्थ्य सुविधा मिलता होगा । कमरा है पर वह भी जीर्ण शीर्ण, न दरवाजा है न खिड़की इसके अलावे गंदगी का अंबार तो एक कमरे में पुआल का ढेर रखा हुआ है । ग्रामीण हक्कू पासवान, रामोतार प्रसाद, कुणाल कुमार, श्याम सुंदर शर्मा, ओमप्रकाश , संजय कुमार समेत कई लोगों ने बताया कि देखरेख के अभाव में यह स्वास्थ्य उपकेंद्र जीर्ण शीर्ण हो गया है । यहाँ न तो डॉक्टर आते हैं न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी जिसके कारण इस पंचायत के करीब दर्जनों गांव के करीब 5 हजार की आबादी को इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ता है । मुखिया प्रतिनिधि हक्कू पासवान ने बताया कि इसके लिए कई बार डीएम, एसडीओ, मंत्री विधायक समेत कई लोगों से लिखित शिकायत किए हैं बावजूद इसके किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया । नालंदा के सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार ने बताया कि पूर्व से ही इस स्थल को हेल्थ एंड बेलेन्स सेंटर में तब्दील करने की योजना थी । जिसके लिए सरकार को पत्र लिखा गया है । वहीं चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी के नहीं आने पर के बारे में बताया कि इसकी जांच की जाएगी । मामला चाहे जो भी हो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले के स्वास्थ्य उपकेंद्र का जब यह हाल है तो अन्य जिलों का क्या हाल होगा । वह भी ऐसे समय में जब कोरोना दिन ब दिन अपना पैर पसारता जा रहा है । और लोग दिन व दिन मौत गाल में समाते जा रहे हैं ।

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