ब्लैक फंगस संक्रमण काफी खतरनाक: डॉ अरुण कुमार मिश्रा

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रिपोर्ट : अनमोल कुमार

पटना। कोरोना से जूझ रहे समस्या का अभी अंत हुआ नहीं कि ब्लैक फंगस( काली फफूंदी) मयू कर मा इकोसिस नामक बीमारी ने भारत में अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। बिहार में इसके 5 रोगी की पहचान हुई है, जिसका इलाज चल रहा है। पटना के अवकाश प्राप्त सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि इस रोग का प्रभाव नाक, मुंह, दांत, आंख, मस्तिष्क और बाकी अंगों पर भी पड़ता है। इसका उपचार बहुत कीमती है। इस रोग का सुई भी महंगा आता है। यह एक दुर्लभ बीमारी है। सांस, दिमाग, आंख और फेफड़ा पर इसका बुरा असर पड़ता है। लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। आंख बिल्कुल चौपट हो जाता है। कोरोना मरीज एवं उसकी देख रेख करने वाले सावधानी बरतें। मास्क गिला ना हो। उन्होंने बताया कि भारत सरकार इस बीमारी के नियंत्रण हेतु शीघ्र ही सुई एवं दवा की व्यवस्था के लिए तत्पर है।

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