स्वास्थय केंद्रों और निजी अस्पतालों को नही होगी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी:- जिलाधिकारी!

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धर्मेंद्र पांडेय!

बिहार में आक्सीजन सिलेंडर की कई गुणा बढ़ी मांग के बीच दरभंगा के डीएमसीएच , स्वास्थय केंद्रों और निजी अस्पतालों को नही होगी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी, जिलाधिकारी ने सम्भाला मोर्चा, डीएम ने डीएमसीएच के एक ऑक्सीजन गैस सप्लायर की असर्मथता के बाद दरभंगा में गुप्ता एयर प्रोडक्ट्स सप्लायर को दिए सप्लाई के निर्देश, हर दिन रिफिल हो रहे 800 से 1000 ऑक्सीजन सिलेंडर, डीएमसीएच में भी मिनी प्लांट शुरू, तैयार हो रहे 45 ऑक्सीजन सिलेंडर, डीएम ने कहा फिलहाल नही है ऑक्सीजन सिलेंडर की कोई कमी*

पूरे बिहार में ऑक्सीजन सिलेंडर की बढ़ी मांग के बीच दरभंगा जिला के कमतौल थाना क्षेत्र अंतर्गत माधोपट्टी स्थित गुप्ता ऑक्सीजन गैस सप्लायर बड़ा सहारा बनकर सामने आया है। डीएमसीएच में बढ़ते कोविड मरीज के बीच बढ़ी ऑक्सीजन सिलेंडर के मांग पर अनुबंधित मुजफ्फरपुर एजेंसी द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की असमर्थता के बीच दरभंगा के डीएम डॉ,त्यागराजन एस एम ने इस एजेंसी का निरीक्षण कर ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने का निर्देश दिए है। खासकर डीएमसीएच एवं दरभंगा जिला को प्राथमिकता के तौर पर सप्लाई करने के निर्देश दिए है।

इस बाबत दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ, त्यागराजन एस एम ने बताया की डीएमसीएच में ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली मुजफ्फरपुर के एजेंसी ने ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने में असमर्थता जताई । जिसके बाद स्थानीय इस प्लांट का निरीक्षण किया और खुशी की बात है कि इसमें 800 से 900 बड़े सिलेंडर हर रोज रिफिल किए जा रहे हैं। जिसे डीएमसीएच एवं दरभंगा जिले के अन्य अस्पताल या जो मांग करते है,उन्हें सप्लाई करने के निर्देश दिए गए हैं ।उनका व्यवस्था बहुत अच्छा है। उनके पास क्रायोजनिक टैंक भी है।क्रायोजनिक टैंक के बिना लिक्विड ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट में भी दिक्कत होती। वहीं डीएमसीएच में भी मिनी प्लांट शुरू हो गया है,जिसमे हर रोज 45 ऑक्सीजन सिलेंडर बनाया जा सकता है। इसलिए तत्काल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।

वही इस सम्बंध में गुप्ता एयर प्रोडक्ट्स ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लायर के मालिक ने बताया की दरभंगा के डीएम साहब यहां आए थे ।उन्होंने पूरे प्रक्रिया को गहनता से निरीक्षण किये हैं ।यहां की कैपेसिटी को देखे है। जिसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने का निर्देश दिए है।प्राथमिकता के तौर पर पहले डीएमसीएच को उसके बाद जिले के अन्य निजी अस्पताल एवं दूसरे लोगो को जहाँ से मांग आती है उसको सप्लाई करने के निर्देश दिये गए है। हम लोग प्रति घंटा 40 से 42 सिलेंडर भर सकते हैं ।इस तरीके से 20 घंटे काम कर भी 800 से 900 सिलेंडर भर सकते हैं ।जो कि हमारा ढाई दिन का कोटा है। वहीं लिक्विड ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट होकर आने में कम से कम 3 दिन का समय लगता है।कोविड से पहले 300 से 350 सिलेंडर हमलोग भरते थे।आज मिनिमम 1500 सिलेंडर भरने का डिमांड है। डीएम साहेब के निर्देशानुसार पहले अपने जिले को उसके बाद जो बचता है,वह अन्य जिलों को भेजते है ।क्रायोजेनिक टैंक के बारे में उन्होंने बताया कि हमें फरवरी में इस क्रायोजनीक टैंक के इस्तेमाल का लाइसेंस मिला था। बिहार में पहला यह टैंक है,जिसे लिक्विड ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने का इजाजत ह।

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