20 वर्ष के बाद आर्म्स एक्ट मामले में तीन आरोपियों को तीन-तीन वर्ष की सजा!

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दीप रंजन सिंह की रिपोर्ट!

बांका। जिला व्यवहार न्यायालय बांका में एसीजेएम फर्स्ट एसके राय की अदालत में आर्म्स एक्ट के एक मामले में 20 वर्ष के बाद तीन आरोपियों को तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों पर अर्थदंड भी लगाया गया है। मामला रजौन थाना क्षेत्र के बसुआरा गांव से जुड़ा हुआ है। तीनों आरोपी को पुलिस ने अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था।

अवैध हथियार के साथ तीनों आरोपी हुआ था गिरफ्तार
दरअसल, 17 जनवरी 2001 को रजौन थाना क्षेत्र के तत्कालीन थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिन्हा दल बल के साथ बसुआरा गांव एक वांछित अपराधी की गिरफ्तारी के लिए देर रात छापेमारी करने गई थी। इसी दौरान गांव के एक बरामदे पर तीन लोग सोया हुआ था। जब तलाशी ली गई तो रामप्रवेश यादव के पास से देशी कट्टा और मनोज यादव के पास से लोडेड पिस्टल और जिंदा कारतूस बरामद किया गया था। मौके पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार रजौन थाना पहुंची और उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की। 20 वर्ष के बाद एसीजेएम फर्स्ट की एसके राय की अदालत ने फैसला सुनाया।

अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा
एसीजेएम एसके राय ने रजौन थाना क्षेत्र के बसुआरा गांव निवासी रामप्रवेश यादव, मनोज यादव एवं संजय यादव के विरुद्ध फैसला सुनाया है। जिसमें तीनों आरोपियों को तीन-तीन वर्ष की सजा और एक-एक हजार का आर्थिक दंड लगाया गया है। आर्थिक दंड की राशि जमा नहीं करने की स्थिति में तीनों को अतिरिक्त एक माह का सजा भुगतना होगा। कोर्ट की बहस में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक अभियोजन पदाधिकारी नरेश प्रसाद एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता आनंद देव चौधरी ने हिस्सा लिया।

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