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मुज्तबा सिद्दीकी मुर्गा भात खाकर कहाँ सो रहे है,प्रतापपुर की फूटी किस्मत को भला कौन बदलेगा,thelankadahan

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Editor In Chief – Akash Singh

गौरतलब हो की इस विधानसभा में समस्याओं का अंबार लगा है। सभी गलियां क्षतिग्रस्त हैं। सफाई पर कोई ध्यान नहीं देने वाला है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। सफाई न होने से नालियां ओवरफ्लो रहती हैं। नाला खुला होने के कारण आए दिन बच्चे गिरते रहते हैं। क्षेत्र में पानी की भी सप्लाई भी नहीं हैं। लोगों को दूसरों के घरों से पानी लाना पड़ता है। हैंडपंप भी खराब हैं। यहां के लोग शासन और प्रशासन के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं। लोगों का कहना है कि सांसद, विधायक, चेयरमैन, सभासद सभी वोट मांगने के समय ही दिखाई देते हैं, इसके बाद दिखते ही नहीं हैं। प्रतापपुरविधानसभा में विकास कहीं भी दिखाई नहीं देता है। दूसरी तरफ प्रतापपुर के वर्तमान विधायक मुज्तबा सिद्दीकी जो चुनाव के बाद क्षेत्र में कभी दिखाई ही नहीं दिए, कोरोना जैसे समय में भी अपने बिल से बाहर नहीं निकले ज्ञात हो की मुज्तबा सिद्दीकी चुनाव के वक्त भी क्षेत्र का दौरा करते हुए नज़र  नहीं आये थे ये तो भला हो उनकी किस्मत और प्रतापपुर के जातीय समीकरण का जिसके बदौलत वो विधायक बन गए और बनने के बाद क्षेत्र से गायब हो गए, प्रतापपुर की जनता जिए या मरे मुज्तबा को कोई फर्क नहीं पड़ता है वो अपने महल में मुर्गा भात खाकर चैन के खर्राटे ले रहे है और दूसरी तरफ जनता जनार्दन आश लगाए बैठी है की कोई तो आये कुछ तो विकास हो जाये, प्रतापपुर में न तो कोई शिक्षा की बात कर रहा है ना ही कोई सड़क की बात कर रहा है और साथ ही साथ नेताओ द्वारा ज़रूरी कार्यो को भी अनदेखा किया जा रहा है, प्रतापपुर की जनता ने विधायक जी से अब उम्मीद लगाना ही छोड़ दिया है, उम्मीद कोई लगाए भी कैसे प्रतापपुर के विधायक को तो ये भी नहीं पता की विधानसभा में गाँव कितने है,अच्छे कामो के लिए नज़रिया चाहिए खैर जो नज़र ही ना आ रहा हो भला वो नज़रिया क्या बनाएगा

प्रतापपुर: नेता तो केवल यहां वोट मांगने आते हैं, समस्याओं का समाधान कराने में उनका कोई ध्यान नहीं हैं। लोग नरकीय जीवन जी रहे हैं। प्रतापपुर विधानसभा के लोग नेताओं के खिलाफ आग उगल रहे हैं।

प्रतापपुर की जनता की किस्मत फुट गई जिन्हे ऐसा जननेता मिला प्रतापपुर के इतिहास में सबसे घटिया कार्यकाल के इतिहास में मुज्तबा सिद्दीकी का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा,जिन्हे समाज देश और क्षेत्र से कोई मतलब नहीं है, प्रतापपुर,दूसरी तरफ मुज्तबा सिद्दीकी के ऊपर भाजपा कार्यकर्ता लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहते है, लोगो का आरोप है की मुज्तबा मनमानी ढंग से स्कूलो का फंड पास करते रहते है

इनका कहना..

-प्रतापपुर के लोगो का कहना है की टाउन इलाको में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। रात में पैदल भी नहीं निकल सकते। यहां तो जीना भी मुश्किल हो गया है। अगर नेता यहां रहते, तो उन्हें समस्याएं दिखतीं।

-क्षेत्रवासियों का कहना है कि क्षेत्र में सफाई नहीं होती है। कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। जरा सी बरसात में ही जलभराव हो जाता है। सुविधा नाम की कोई चीज नहीं हैं। गलियों को बने सालों बीत गए। चुनाव के समय तो नेता बड़ी-बड़ी बाते करते हैं। जनता इनकी मीठी-मीठी बातों में फंस जाती है। चुनाव होने के बाद कोई भी नेता दिखाई नहीं देता है। विधानसभा में समस्याओं का अंबार लगा है, लेकिन देखने वाला कोई नहीं हैं।

अब प्रतापपुर के लोगो के लिए वो वक्त आ गया है जब संभावित राजनीति का चुनाव करे,जातिपात से ऊपर उठकर एक ऐसे नेता का चुनाव करे जो प्रतापपुर की दशा और दिशा दोनों में उत्परिवर्तन लाकर विधानसभा को प्रगति पथ पर अग्रसर कर सके ये तभी संभव है जब प्रतापपुर के लोग निष्ठां और एकजुटता में ध्यान दे, गौरतलब हो की प्रतापपुर में ऐसे कई ऊर्जावान नेता है जिनमे विधानसभा का भविष्य देखा जा सकता है जिनमे प्रभावी रूप से कैप्टन करन का नाम सबसे ऊपर है साथ ही साथ शैलेश यादव, वर्तमान ब्लॉक प्रमुख पुनीत पांडेय,विमलधर दुबे, अमरनाथ यादव,श्यामबाबू यादव जैसे नेता भी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे है,

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