धीरज शर्मा की रिपोर्ट

भागलपूर सरकारी उदासीनता और जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा के कारण लोग एन एच 80 पर मौत का सफर कर रहे हैं। 41 साल पहले इसे स्टेट हाईवे की जगह एन एच का दर्जा मिला। मगर इसका लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है। रोड मरम्मती के नाम पर लूट मची है। साल दर साल गुजरता जा रहा है करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं इसके बाद भी लोगों के सुगम यातायात का सपना साकार नहीं हो रहा है।भागलपुर को झारखंड और बंगाल से जोड़ने वाली जर्जर सड़क एन एच 80 पर हिचकोले खाते गाड़ियां गुजरती हैं। सड़क पहले से खराब था बाढ़ के पानी ने इसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। जगह जगह गड्ढा बन चुका है बाहर निकला पत्थर वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। रात के अंधेरे और कुहासे में गड्ढा का पता नहीं चल पाता है लिहाजा मालवाहक वाहन के पलटने का खतरा बना है। रोड बनता कम और टूटती ज्यादा है। जीरो माइल से कहलगांव की दूरी महज 30 किलोमीटर है लेकिन वाहन चालकों को चार घंटे का वक्त लगता है। ट्रक डाईवर कहते हैं कि पहले दो दिन में बंगाल पहुंचते थे अब चार दिन का समय लगता है।