पंकज कुमार जहानाबाद।
विश्व एड्स दिवस 2025, जिसे वैश्विक थीम “Ending AIDS: Communities Lead the Way” के तहत मनाया गया, कायनात फाउंडेशन ने काको, जहानाबाद, बिहार में एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह की प्रार्थना सभा में हुई जब छात्र कुंज कैशप और अब्दुल्लाह अराफीन ने कक्षा मॉनीटरों और शिक्षकों को लाल रिबन एचआईवी से जी रहे लोगों के साथ एकजुटता का विश्वव्यापी प्रतीक लगाया। छात्रा एंकर तैबा सैयदा ने युवा वक्ताओं एरम नाज़, शेफा अमीन, सायमा सोहेल और सुमैया अख्तर का परिचय दिया, जिन्होंने एचआईवी संचरण के तरीकों, बचाव के उपायों, कलंक और भेदभाव खत्म करने की आवश्यकता तथा युवाओं की भूमिका पर प्रभावशाली बात रखी। कार्यक्रम का मुख्य संदेश देते हुए कायनात फाउंडेशन के संस्थापक-अध्यक्ष शकील अहमद काकवी ने कहा आज सावधानी, हमेशा सुरक्षा केवल जागरूकता ही एड्स को खत्म कर सकती है। शकील काकवी ने जोर दिया कि नई पीढ़ी में सटीक जानकारी, सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा, समुदाय की भागीदारी से कलंक हटाना और युवा नेतृत्व ये चार स्तंभ ही एड्स महामारी को समाप्त करेंगे। छात्र प्रेम सागर भारती, उमंग सागर भारती और परी कुमारी ने एकता, करुणा और सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश देने वाला प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। काकवी ने बिहार के ग्रामीण एवं वंचित क्षेत्रों में निरंतर जन स्वास्थ्य जागरूकता के प्रति कैनात फाउंडेशन की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। 1988 में WHO द्वारा स्थापित विश्व एड्स दिवस आज भी एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने का सबसे बड़ा वैश्विक मंच है। 1990 के शुरुआती दशक में अपनाई गई लाल रिबन आज भी आशा, एकजुटता और इस महामारी के खिलाफ वैश्विक संघर्ष का प्रतीक बनी हुई है।




