एनडीए ने उठाए सवाल, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से राजद को आपत्ति क्यों?

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:- रवि शंकर अमित!



राजद के नेता तेजस्वी के लिए अपनी मां और बहन ही परिवार, नीतीश कुमार के लिए पूरा बिहार परिवार

चुनाव आयोग की अनुमति से भेजी जा रही सीएम रोजगार योजना की राशि, आगे दो लाख रुपये राशि भी दी जाएगी: एनडीए

यह ऋण नहीं सहायता, विपक्ष को अंतर समझना चाहिए: एनडीए

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना में दी जाने वाली राशि कभी वापस नहीं ली जाएगी: एनडीए

‎पटना, 1 नवंबर। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के जरिए बिहार की चयनित महिलाओं को पहले चरण के तहत 10 हजार रुपये भेजे जाने को लेकर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने पर एनडीए ने आज जोरदार पलटवार किया है। एनडीए में शामिल सभी दलों के प्रवक्ताओं ने एक प्रेस वार्ता कर राजद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से राजद की आपत्ति क्यों है?

‎भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए एनडीए के प्रवक्ताओं ने कहा कि राजद के नेता तेजस्वी यादव के लिए उनकी मां और बहन ही उनका परिवार है जबकि नीतीश कुमार के लिए पूरा बिहार उनका परिवार है।

‎एनडीए के प्रवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि विपक्ष इस योजना को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है कि यह ऋण है। जबकि हकीकत यह है कि यह ऋण नहीं सहायता है, जिसे कभी वापस नहीं लिया जाएगा। विपक्ष को अंतर समझना चाहिए।

‎इस प्रेस वार्ता में जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधानपार्षद नीरज कुमार, भाजपा प्रवक्ता धनंजय गिरी, लोजपा (रामविलास) के मुख्य प्रवक्ता डॉ. राजेश भट्ट, हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरोज सिंह, रालोमो के प्रदेश प्रवक्ता नितिन भारती मौजूद रहे।

‎योजना को लेकर कहा गया कि पूरे देश में किसी भी राज्य में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की यह अनोखी योजना है। योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है। सरकार द्वारा सभी पात्र महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के माध्यम से रोजगार शुरू करने के लिए चरणों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। पहली किश्त के बतौर महिलाओं को 10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं जिससे वे अपनी खुद की पसंद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं और उसके बाद दो लाख रुपये दिए जाएंगे।

‎इस योजना के तहत अब तक 1.50 करोड़ महिलाओं को 10 हजार रुपये की राशि भेज दी गई है। एनडीए ने कहा कि चुनाव आयोग की अनुमति के बाद ही यह राशि भेजी जा रही है क्योंकि इस योजना का रोडमैप पहले ही तैयार किया जा चुका है। एनडीए सरकार में हवा-हवाई काम नहीं।

‎इस योजना के तहत सरकार द्वारा हाट बाजार भी विकसित किए जाएंगे जहाँ महिलाएं खुद के द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेच सकेंगी। लाभार्थी महिलाओं को अपने व्यवसाय को बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण भी सरकार द्वारा दिया जाएगा। इस योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाएं खुद का व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन पाएंगी और अपने परिवार की आय को भी बढ़ा पाएंगी।

‎प्रवक्ताओं का कहना है कि इस योजना के तहत प्रशिक्षण, अनुश्रवण और शिकायत को भी निष्पादन किया जाएगा। राज्य के बाहर भी बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दरअसल एनडीए की सरकार में दलित, अति पिछड़े और पसमांदा समाज बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, ऐसे में इन लोगों के पेट में मरोड़ होना स्वाभाविक है।

‎आज बिहार की महिलाएं लखपति ही नहीं, करोड़पति दीदी बन रही हैं। बात आज की नहीं है, जब एनडीए की सरकार बनी थी तभी पंचायत चुनाव में महिलाओं को आरक्षण देकर सशक्तिकरण का प्रयास शुरू किया गया था, जो कार्य अब गति पकड़ चुका है।

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