रिपोर्ट – अनमोल कुमार
गयाजी । छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि जीवन और प्रकृति के सामन्जस्य का महोत्सव है यह युक्ति आचार्य नवीन ने दिया। उन्होंने कहा कि यह पर्व जीवन के मूल स्रोत सूर्य, जल, प्रकृति के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है।
उन्होंने कहा कि सूर्य उपासना का अर्थ सूर्य को हम ऊर्जा के प्रतीक के रूप में मानते हैं। जैसे सूर्य सबको समान रूप से प्रकाश देता है किसी से भेदभाव नहीं करते हैं वैसे हमलोग भी बिना भेदभाव के सबके लिए उपयोगी साबित हो।



