रिपोर्टर– राजीव कुमार झा!
मधुबनी जिले के रहिका प्रखंड अंतर्गत शौराठ गांव में 18 अक्टूबर 2025 को मिथिला चित्रकला संस्थान में 12 दिवसीय, “मिथिला चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला” का सफल समापन किया गया।
इस कार्यशाला का आयोजन 48 वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल (एस.एस.बी.), जयनगर के सौजन्य से, मिथिला चित्रकला संस्थान, मधुबनी के सहयोग से किया गया था ।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि आनंद शर्मा जिला पदाधिकारी-सह-निदेशक, मिथिला चित्रकला संस्थान, मधुबनी थे ।
कमांडेंट गोविंद सिंह भंडारी, 48 वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में नितीश कुमार, एडमिनिस्ट्रेशन ओफिसर मिथिला चित्रकला संस्थान उपस्थित रहे।
इस अवसर पर संस्थान की गौरवशाली विभूतियाँ पद्मश्री बौआ देवी, पद्मश्री दुलारी देवी तथा पद्मश्री शिवन पासवान भी उपस्थित थीं,
जिन्होंने प्रतिभागियों को मिथिला चित्रकला की पारंपरिक तकनीक, विषयवस्तु और आधुनिक संभावनाओं पर मार्गदर्शन दिया।
कार्यशाला में कुल 30 महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्होंने 12 दिनों तक मिथिला पेंटिंग, हस्तशिल्प, आधुनिक डिज़ाइन और स्वरोजगार से जुड़ी प्रशिक्षण गतिविधियों में हिस्सा लिया।
यह पहल महिलाओं को कला के माध्यम से आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास रही।
जिला पदाधिकारी आनंद शर्मा (भा.प्र.से.) ने अपने वक्तव्य में कहा की “मिथिला चित्रकला हमारी संस्कृति और पहचान की आत्मा है। यह कार्यशाला नारी शक्ति को न केवल सृजनशील बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी भी बना रही है।”
अपने संबोधन में कमांडेंट गोविंद सिंह भंडारी ने कहा कि
“यह कार्यशाला केवल कला सिखाने का माध्यम नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम है। जब एक महिला सशक्त होती है, तो पूरा समाज सशक्त बनता है।”
समारोह का संचालन नितीश कुमार एडमिनिस्ट्रेशन ओओफिसर द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन मिथिला चित्रकला संस्थान के प्रतिनिधियों ने किया।
यह कार्यशाला न केवल मिथिला कला के संवर्धन की दिशा में एक सार्थक प्रयास रही, बल्कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एस.एस.बी. और संस्थान के संयुक्त सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण भी सिद्ध हुई।