पुलिस कस्टडी में एक दलित युवक की संदिग्ध हालत में मौत, परिजनों का हंगामा

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अवधेश कुमार / गोपालगंज

गोपालगंज से बड़ी खबर आ रही है…जहां पुलिस कस्टडी में एक दलित युवक की संदिग्ध हालत में मौत हो गयी है…घटना के बाद गांव में भारी तनाव है और ग्रामीणों ने पुलिस पर बर्बरता का गंभीर आरोप लगाया है…पुलिस ने हालांकि पिटाई से मौत की बात से इनकार किया है…क्या है पूरा मामला… तस्वीरें गोपालगंज के सदर अस्पताल की हैं… जहां स्ट्रेचर पर पड़ा शव है और महिलाएं पुलिस की बर्बरता के निशान दिखा रही हैं…मामला फुलवरिया थाना क्षेत्र के मदरवानी गांव का है…ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस शराब तस्करी के शक में गांव में छापेमारी करने आई थी…इस दौरान घरों में घुसकर महिलाओं और ग्रामीणों की बेरहमी से पिटाई की गई…जब अनिल राम ने इसका विरोध किया तो उसे भी पीटा गया और घसीटते हुए थाने ले जाया गया….जहां उसकी मौत हो गयी….मृतक की पहचान यूपी के गाजीपुर निवासी 35 वर्षीय अनिल राम के रूप में हुई है, जो मदरवानी गांव में अजय यादव के यहां घोड़े की देखभाल का काम करता था….वहीं, घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस अनिल को जबरन पीटते और घसीटते हुए थाने ले जा रही है…ग्रामीणों का कहना है कि थाने में पिटाई के कारण ही अनिल की मौत हुई…. हालांकि पुलिस इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है…हथुआ एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता का कहना है कि पुलिस को शराब तस्करी की सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम गांव में छापेमारी के लिए गई थी…इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें थानाध्यक्ष जयहिंद यादव समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए…एसडीपीओ के मुताबिक, उसी मामले में अनिल राम को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, जहां उसकी तबीयत बिगड़ गई…उसे पहले फुलवरिया अस्पताल और फिर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई…लेकिन अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अनिल को जब लाया गया, तब तक वह मृत था….

– जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पांच डॉक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम कराया है, जिसमें मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे…वहीं एसपी अवधेश दीक्षित ने थाने की सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो की जांच कराने की बात कही है…हालांकि अब तक किसी भी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे गांव में आक्रोश और ज्यादा गहरा हो गया है…परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग कर रहे हैं…और पूरे मामले ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं…

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