48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल द्वारा निशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झामधुबनी जिले से लगने वाली इंडो नेपाल बॉर्डर पर मुस्तैद 48 वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, जयनगर द्वारा भारत-नेपाल सीमा से सटे सीमावर्ती गांवों में दो दिवसीय निशुल्क पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया, जिसके तहत मवेशियों की स्वास्थ्य जांच, उपचार एवं पशुपालकों को जागरूकता प्रदान की गई।
पहला शिविर 13 जून 2025 को समवाय गंगौर के तहत गाँव खौना के सार्वजनिक स्थल पर आयोजित किया गया, जबकि दूसरा शिविर 14 जून 2025 को समवाय पिपरौन के अंतर्गत ग्राम डिगयाटोल में संपन्न हुआ।
दोनों शिविरों में कमांडेंट (पशु चिकित्सा) डॉक्टर एस. एन. सिंह की अगुवाई में कुल 67 पशुपालकों के 262 मवेशियों की स्वास्थ्य जांच की गई तथा निःशुल्क उपचार एवं आवश्यक दवाइयां प्रदान की गईं। शिविर के दौरान पशु चिकित्सकों ने उपस्थित स्थानीय लोगों को सामान्य पशु रोगों, उनके लक्षणों, बचाव के उपायों तथा प्राथमिक उपचार की जानकारी दी। साथ ही, पशुओं के समुचित पोषण, टीकाकरण, एवं मौसमजनित देखभाल पर भी विशेष जानकारी साझा की गई।

मधुबनी जिले से लगने वाली इंडो नेपाल बॉर्डर पर मुस्तैद 48 वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, जयनगर द्वारा भारत-नेपाल सीमा से सटे सीमावर्ती गांवों में दो दिवसीय निशुल्क पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया, जिसके तहत मवेशियों की स्वास्थ्य जांच, उपचार एवं पशुपालकों को जागरूकता प्रदान की गई।
पहला शिविर 13 जून 2025 को समवाय गंगौर के तहत गाँव खौना के सार्वजनिक स्थल पर आयोजित किया गया, जबकि दूसरा शिविर 14 जून 2025 को समवाय पिपरौन के अंतर्गत ग्राम डिगयाटोल में संपन्न हुआ।
दोनों शिविरों में कमांडेंट (पशु चिकित्सा) डॉक्टर एस. एन. सिंह की अगुवाई में कुल 67 पशुपालकों के 262 मवेशियों की स्वास्थ्य जांच की गई तथा निःशुल्क उपचार एवं आवश्यक दवाइयां प्रदान की गईं। शिविर के दौरान पशु चिकित्सकों ने उपस्थित स्थानीय लोगों को सामान्य पशु रोगों, उनके लक्षणों, बचाव के उपायों तथा प्राथमिक उपचार की जानकारी दी। साथ ही, पशुओं के समुचित पोषण, टीकाकरण, एवं मौसमजनित देखभाल पर भी विशेष जानकारी साझा की गई।

विशेष उल्लेखनीय पहल के रूप में, 48 वीं वाहिनी द्वारा पशुपालकों के बीच हरे चारे की उन्नत किस्म – ग्रीन हाइब्रिड नेपियर घास के बीज भी निःशुल्क वितरित किए गए, जिससे पशुओं के पोषण स्तर में सुधार की दिशा में सहयोग मिलेगा।
इस अवसर पर वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट हरेन्द्र सिंह ने कहा, सशस्त्र सीमा बल न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करता है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है। ऐसे प्रयास पशुपालन को बढ़ावा देने और ग्रामीण जीवनस्तर को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने सशस्त्र सीमा बल की इस पहल की प्रशंसा करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के शिविरों के नियमित आयोजन की मांग किया है।

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