पंकज कुमार जहानाबाद।
जहानाबाद जिले के रतनी-फरीदपुर प्रखंड के नारायणपुर पंचायत से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां वार्ड संख्या-01 से निर्वाचित वार्ड सदस्य प्रवीण कुमार को चुनाव जीतने के चार साल बाद भी आधिकारिक रूप से प्रभार नहीं सौंपा गया है। इससे नाराज होकर उन्होंने शुक्रवार को जिला पदाधिकारी (DM) से मुलाकात की और न्याय की गुहार लगाई।
प्रवीण कुमार ने बताया कि उन्होंने पंचायत चुनाव में जनता का विश्वास जीतकर प्रतिनिधित्व प्राप्त किया, लेकिन पंचायत सचिव और अन्य जिम्मेदार अधिकारी उन्हें उनका अधिकारिक कार्यभार सौंपने में टालमटोल कर रहे हैं। इसके कारण वे अब तक पंचायत के किसी भी विकास कार्य में भागीदारी नहीं कर पा रहे हैं।
डीएम से की शिकायत
प्रवीण कुमार शुक्रवार को दोपहर करीब 1 बजे जिला मुख्यालय पहुंचे और जिला पदाधिकारी कार्यालय में आवेदन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि लगातार प्रतीक्षा और अधिकारियों की अनदेखी से वे मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं।
क्या कहा प्रवीण कुमार ने?
“जनता ने मुझे जनप्रतिनिधि चुना है, लेकिन एक साल बाद भी मुझे अधिकारिक रूप से प्रभार नहीं दिया गया है। मैं सिर्फ कागज़ों पर वार्ड सदस्य बना बैठा हूँ। मैं चाहता हूँ कि मुझे मेरा संवैधानिक अधिकार मिले ताकि मैं जनता की सेवा कर सकूं।”
प्रशासन से अपेक्षा
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाता है और वार्ड सदस्य को उनका वैधानिक अधिकार कब तक सौंपा जाता है। यह मामला स्थानीय प्रशासनिक निष्क्रियता और लोकतांत्रिक व्यवस्था में व्याप्त जमीनी स्तर की चुनौतियों को उजागर करता है।
प्रवीण कुमार जैसे जनप्रतिनिधियों की गुहार यह सवाल खड़ा करती है कि क्या लोकतंत्र में चुने गए प्रतिनिधियों को अधिकार नहीं दिया जाना है