रिपोर्टर — राजीव कुमार झा
मधुबनी समाहरणालय के सामने अम्बेडकर प्रतिमा स्थल के पास राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा एवं अन्य सामाजिक संगठनों के बैनर तले ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा एवं अत्याचार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान ईसाई समुदाय के सैकड़ों लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपने गुस्से का इजहार किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पूरे देश के ईसाई समुदाय बढ़ती हिंसा एवं अत्याचार का शिकार हो रहे है। उन्होंने बताया कि यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा और प्रताड़ना की 834 घटनाएं दर्ज की गई है। जो 2023 में 734 से अधिक हैं और 2014 में 147 घटनाओं से लगभग चार गुना अधिक है। डर के कारण कई घटनाएं दर्ज नहीं की जाती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार ईसाई समुदाय पर बढ़ रहे हिंसा एवं अत्याचार पर जल्द रोक नहीं लगाती है तो देशभर में प्रदर्शन तेज किया जायेगा। वही प्रदर्शन के नेतृत्वकर्ता ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए बताया है कि आंकड़ों के अनुसार ब्राह्मणवादी धर्म और संस्कृति के इर्द-गिर्द केंद्रित हिन्दू राष्ट्र के असहिष्णु दृष्टिकोण को बढ़ावा देने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठन विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल ईसाई समुदाय के खिलाफ शत्रुता एवं हिंसा को बढ़ावा देने के लिए ज्यादातर जिम्मेबार रहे है।