आतंकी हमले में शहीद हुए रोहतास के मनीष रंजन: पत्नी-बच्चों के सामने पहलगाम में आतंकियों ने की हत्या!

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

रिपोर्ट- अमित कुमार

आतंकी हमले में शहीद हुए रोहतास के लाल मनीष रंजन: पत्नी-बच्चों के सामने पहलगाम में आतंकियों ने की निर्मम हत्या

रोहतास/विक्रमगंज, 23 अप्रैल 2025 — जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम घाटी में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र के अरूहीं गांव के लाल, आईबी अधिकारी मनीष रंजन की शहादत ने न सिर्फ जिले बल्कि पूरे बिहार को गहरे शोक और आक्रोश में डुबो दिया है। छुट्टियों पर अपने परिवार के साथ कश्मीर गए मनीष रंजन को आतंकियों ने बैसरन घाटी में उनके मासूम बच्चों और पत्नी के सामने ही गोली मार दी।

कश्मीर की वादियों में बदल गया सैर का सपना, परिवार के सामने टूट गया एक जीवन

मनीष रंजन की पत्नी और दो छोटे बच्चे छुट्टियों का आनंद लेने कश्मीर गए थे। लेकिन मंगलवार को बैसरन घाटी की हसीन वादियां अचानक गोलियों की आवाजों से दहल उठीं। हमले में मनीष रंजन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और बच्चे किसी तरह बच निकले। परिजनों के अनुसार, बच्चों के सामने पिता की हत्या ने उन्हें गहरे सदमे में डाल दिया है।

आईबी में तैनात थे मनीष, बंगाल में था परिवार का निवास

मनीष की पोस्टिंग हैदराबाद में आईबी अधिकारी के रूप में थी। वे मूल रूप से रोहतास के अरूहीं गांव के रहने वाले थे, लेकिन उनका परिवार पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के झालदा में निवास करता है। उनके पिता मंगलेश मिश्रा झालदा हाई स्कूल से सेवानिवृत्त शिक्षक हैं।

तीन भाइयों में सबसे बड़े थे मनीष, पूरे परिवार में शोक की लहर

मनीष के दो छोटे भाई हैं—विनीत रंजन, जो झारखंड के उत्पाद विभाग में अधिकारी हैं, और राहुल रंजन, जो छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में खाद्य निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। मनीष की शहादत की खबर जैसे ही गांव और उनके रिश्तेदारों तक पहुंची, हर आंख नम हो गई।

सासाराम स्थित घर में पसरा सन्नाटा, मोहल्ले में मातम

मनीष रंजन का एक निजी मकान सासाराम के गौरक्षणी मोहल्ले में भी है, जहां उनके चाचा-चाची रहते हैं। जैसे ही शहादत की खबर वहां पहुंची, पूरा मोहल्ला शोक में डूब गया। स्थानीय नागरिकों ने मनीष की वीरता को सलाम करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

परिजन और आमजन की सरकार से मांग: आतंकियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

मनीष रंजन की हत्या के बाद न सिर्फ परिवार, बल्कि आमजन में भी गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यदि खुफिया एजेंसी के अधिकारी भी आतंकियों के निशाने पर हैं, तो आम नागरिक खुद को कैसे सुरक्षित मानें। बिहार सरकार ने भी शहीद के परिवार को हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिया है।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई की तैयारी, गांव में उमड़ा जनसैलाब

शहीद मनीष रंजन के पार्थिव शरीर को जल्द ही अरूहीं गांव लाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव में भारी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने जुटने लगे हैं। हर कोई गर्व और गम के मिले-जुले भाव में डूबा है—एक बेटा जिसने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए।

Leave a Comment

और पढ़ें