रिपोर्ट- संतोष तिवारी!
बिहार/मुजफ्फरपुर
सिंचाई विभाग की सहायक अभियंता महिमा हत्याकांड में 14 माह बाद भी पुलिस खाली हाथ है। एसआईटी गठन के बाद भी कोई सुराग पुलिस को नहीं मिल सका है। अभियंत्रण सेवा समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। सेवा समन्वय समिति के संयोजक ई. राम स्वार्थ साह का कहना है कि हमने पुलिस पर बहुत भरोसा किया। लेकिन, 14 माह में पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। इससे निराशा हाथ लगी। सीएम के साथ मुख्य सचिव व डीजीपी को भी पत्र लिखा गया है। सीएम नीतीश कुमार कहते हैं कि महिलाओं को नौकरी दी जा रही है। मुजफ्फरपुर में दलित महिला इंजीनियर की हत्या कर दी गई। पुलिस इस केस को दबा दी। ई. महिमा यांत्रिक प्रमंडल मुजफ्फरपुर में सहायक अभियंता के पद पर तैनात थी। सेवाकाल में उसकी हत्या हुई। आवास में उसकी डेडबॉडी मिली थी। पुलिस शुरू से ही इस केस को हल्के में ले रही है। ई. महिमा मूल रूप से लखीसराय जिला के चानन थाना के मानन बाजार की रहने वाली थी। उसके पिता राज किशोर पासवान ने सदर थाने में हत्या को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस अधिकारियों का बयान इस केस में उलझाने वाला आता रहा है। जो भी उसका खुलासा होना चाहिए। न्याय मिलना चाहिए। संयोजक का कहना है कि पुलिस कहती है कि अबतक की जांच में ठेकेदारी विवाद का मामला नहीं आ रहा है। प्रेम-प्रसंग के बिंदु पर छानबीन हो रही है। यदि पुलिस को लगता है कि प्रेम-प्रसंग में हत्या हुई है तो उसका खुलासा होना चाहिए। इस दिशा में एसआईटी फेल हो चुकी है। सीएम, मुख्य सचिव व डीजीपी को पत्र में संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
बाइट:- ई. राम स्वार्थ साह ( संयोजक सेवा समन्वय समिति )