प्रशान्त कुमार की रिपोर्ट
बेगुसराय में कम्युनिस्ट आंदोलन के 100 साल पूरे होने के मौके पर नागरिक संवाद समिति के बैनर तले महत्वपूर्ण नागरिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में कई कम्युनिस्ट के विचारक और सैकड़ों वामपंथी समर्थक लोगो परिचर्चा में शामिल हुए। परिचर्चा में कम्युनिस्ट आंदोलन के 100 साल की उपलब्धियां सीख और चुनौतियां विषय पर व्यापक चर्चा हुई। इसके साथ ही आगामी योजनाओं के रुपरेखा पर पर विस्तार से बात विमर्श किया गया। बेगूसराय में परिचर्चा में शामिल भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज कम्युनिस्ट के 100 साल के विरासत को याद करने का समय है। और उन्होंने कहा कि संयोग से यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी शताब्दी वर्ष है। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज देश में दो विचारधारा आमने-सामने है और एक-दूसरे से टकरा रहा है। एक आरएसएस का विचार है जो आजादी के खिलाफ था। संविधान पारित हो रहा था तो वह संविधान को मानने के लिए तैयार नहीं था। इस देश के तिरंगा को मानने के लिए तैयार नहीं था। आज सत्ता में बैठकर लगातार संविधान पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अमेरिका में देश को झुका करके आए हैं। देश के स्वाभिमान, देश की पहचान और देश का राष्ट्रीय हित अमेरिका के पास गिरवी रख दिया गया है। इसलिए देश को बचाना है, देश को आगे बढ़ाने के लिए और लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए कम्युनिस्ट आगे बढ़ेगा।