रिपोर्ट- अमित कुमार
पटना में आयोजित हुआ पर्यावरण संवाद कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता पर जोर
पटना के शहीद वीर कुंवर सिंह आजाद पार्क में आज बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा पर्यावरण संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने किया, जबकि इसकी अध्यक्षता विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने की। आइए जानते हैं इस मौके पर क्या कहा गया।
खबर:
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार द्वारा आज पटना स्थित शहीद वीर कुंवर सिंह आजाद पार्क में पर्यावरण संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने किया, जबकि इसकी अध्यक्षता विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
इस अवसर पर मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि “पर्यावरण संवाद कार्यक्रम के जरिए हम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत देशभर में 80 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं, जिनमें बिहार में 3 करोड़ से अधिक पौधारोपण हुआ है।” उन्होंने कहा कि पौधारोपण और जलवायु परिवर्तन के प्रति सजग रहकर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।
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प्रेम कुमार, मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
“पर्यावरण संवाद कार्यक्रम का मकसद लोगों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भाव पैदा करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत बिहार में भी व्यापक स्तर पर पौधारोपण हुआ है।”
कार्यक्रम में मौजूद बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “भारत एक ऐसा देश है जहां सभी जीव-जंतुओं और प्रकृति का विशेष ख्याल रखा जाता है। ‘जल-जीवन-हरियाली’ योजना के तहत गांव से लेकर शहर तक कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं, जिससे सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।”
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अवधेश नारायण सिंह, सभापति, बिहार विधान परिषद
“जल-जीवन-हरियाली अभियान के जरिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करें और हरित भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।”
कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई और स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए कई गतिविधियों का आयोजन भी किया गया।