जेआरएस कॉलेज के प्रांगण में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई

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रिपोर्ट अनमोल कुमार

मुंगेर बौद्धिक मंच के द्वारा आज दिनांक 23 जनवरी को जेआरएस कॉलेज के प्रांगण में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई। जेआरएस कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो देवराज सुमन की अध्यक्षता में सभा का संचालन किया गया। प्रो देवराज सुमन ने कहा कि नेता जी , गांधी जी और नेहरू जी का लक्ष्य देश की स्वतंत्रता था। उनके सामूहिक प्रयास से ही देश को आजादी मिली। मुंगेर विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो भावेश चंद्र पांडे ने कहा कि नेता जी के सपने को साकार करने की जिम्मेदारी देश की नई पीढ़ी की है। आज भी देश में असमानता मौजूद हैं। हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो मंडल ने कहा कि नेता जी ने ही गांधी जी को पहली बार राष्ट्र पिता कहकर संबोधित किया। हिंदी विभाग के ही प्रो अवनीश चंद्र पांडे ने बताया कि नेताजी ने आइसीएस की परीक्षा पास की थी परंतु वे अफसर न बनकर देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो शाहिद रजा ने कहा कि नेता जी हिंदू मुस्लिम एकता के दूत थे। और गंगा जमुना तहजीब के पैरोकार थे। उर्दू विभाग के ही प्रो शम्सी ने कहा कि हम नेताजी के बलिदानों को भूलते जा रहे हैं। नई पीढ़ी को नेता जी के संघर्ष से सीखने की जरूरत है। मुंगेर बौद्धिक मंच के संयोजक सुमित कुमार ने कहा कि नेता जी ने आजाद हिंद फौज में नेहरू और गांधी बिग्रेड बनाई थी जो यह दिखलाता है कि राष्ट्रीय नेताओं का एक दूसरे के प्रति कितना सम्मान था। जयंती समारोह में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ सह प्रमंडलीय संयोजक के प्रदेश सचिव अभय कुमार जी भी उपस्थित थे। साथ ही मुंगेर बौद्धिक मंच के सदस्य गण आलोक, सोनू, रामवृक्ष, सिमरन,सत्येश, सुधांशू, मेघा, राहुल , चांदनी , रोहित आदि उपस्थित थे।

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