रिपोर्ट- अमित कुमार!
पटना में 20 और 21 जनवरी 2025 को आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने महत्वपूर्ण संदेश दिए। सम्मेलन में 56 विधानसभाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें सुशासन, संसदीय प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता, और संवैधानिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार पर गहन चर्चा हुई।
प्रमुख संकल्प:
- संविधान के प्रति आस्था: सम्मेलन ने भारतीय संविधान के अंगीकरण की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संविधान के प्रति संपूर्ण आस्था व्यक्त की और यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि संविधान में निहित मूल्य और आदर्श सदनों के कार्य संचालन का आधार बनेंगे।
- बाधा रहित चर्चा: विधायी संस्थानों में व्यवस्थित और बाधा रहित चर्चा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया, ताकि जनहित में श्रेष्ठ संवाद और नीतिगत मुद्दों पर प्रभावी निर्णय लिए जा सकें।
- संवैधानिक मूल्यों का प्रचार: संवैधानिक मूल्यों को समाज के विभिन्न वर्गों, पंचायती राज, शहरी निकायों, शिक्षण संस्थानों तक पहुंचाने के लिए एक व्यवस्थित अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।
- डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपनाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई, जिससे विधायी संस्थाएं अधिक प्रभावी और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें।
प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु:
श्री ओम बिरला ने विधानसभा सत्रों के लगातार छोटे होते जाने पर चिंता व्यक्त की और इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार से चर्चा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संसदीय समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और इन्हें मजबूत करने के लिए विशेष सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विधायी संस्थाओं को जनहित में अधिक प्रभावी बनाने और लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के लिए सभी स्तरों पर मिलकर काम करना आवश्यक है।