एसएसबी ने भारतीय सीमा से नेपाल प्रवेश करते दो विदेशी नागरिक को लिया हिरासत में!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झा

48 वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के सीमा संपर्क दल द्वारा दो विदेशी नागरिकों को भारतीय सीमा से नेपाल प्रवेश करते समय लिया हिरासत मे!

मधुबनी जिले से लगने वाली इंडो नेपाल बॉर्डर पर तैनात 48 वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के कार्यक्षेत्र भारत-नेपाल सीमा चौकी पिपरौन के जिम्मेवारी के इलाके में लगभग दो बजे पिपरौन चेक पोस्ट पर, 48 वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के सीमा संपर्क दल द्वारा दो विदेशी नागरिकों को भारतीय सीमा से नेपाल प्रवेश करते समय रोका गया। उनके पासपोर्ट और ई-वीजा (पर्यटक वीजा) की जांच करने पर पता चला कि उन्होने 17 अक्टूबर 2024 को अन्ना, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चेन्नई के माध्यम से भारत में प्रवेश किया था साथ ही पूछताछ के दौरान, उन्होंने बताया कि वे भारत में विभिन्न स्थानों का दौरा कर चुके हैं और वाराणसी से ट्रेन द्वारा जयनगर पहुंचे हैं तथा उन्होंने बताया कि वे नेपाल की यात्रा की योजना बना रहे थे। क्योंकि भारत में उनका अधिकतम प्रवास काल (90 दिन) है जिसकी अवधि 16 जनवरी को समाप्त हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वे इस मार्ग से न तो नेपाल जा सकते हैं और न ही नेपाल से भारत में प्रवेश कर सकते हैं।
एस एस बी द्वारा हिरासत मे लिए गए दोनों विदेशी नागरिकों का पहचान इरविन लाके, (पुरुष) उम्र 31 वर्ष, जो जर्मन नागरिक हैं एवं एलेक्सिया तारा मेगराइथ, (महिला) उम्र 25 वर्ष, ऑस्ट्रेलियन नागरिक है।
समवाय प्रभारी पिपरौन द्वारा पूछताछ के बाद यह भी पुष्टि हुई कि उन्होने वैध ई-वीजा के साथ चेन्नई एयरपोर्ट के माध्यम से वैध तरीके से भारत में प्रवेश किया है। समवाय प्रभारी द्वारा उन्हे प्रवेश और निकास के नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देकर उन्हें वापस भारत भेज दिया गया और उन्हें यह भी सलाह दी गई कि वे वैध रूप से अनुमत आवागमन मार्ग या हवाई मार्ग से ही नेपाल में प्रवेश करें।
उपरोक्त कार्रवाई को लेकर गोविंद सिंह भण्डारी, कमांडेंट 48 वीं वाहिनी द्वारा सीमा संपर्क दल टीम की सराहना करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार की चौकसी बरतने का निर्देश दिया है।
इस घटना की जानकारी सशस्त्र सीमा बल की अन्य सीमा चौकियों को भी दे दी गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि दोनों विदेशी नागरिक उनके उत्तरदायित्व क्षेत्र से बाहर निकलने का प्रयास करें तो उन्हें रोका जा सके।

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