रिपोर्ट- सुमित कुमार!
राष्ट्रहित को सर्वोपरि मान तैयार किया गया संविधान : न्यायमूर्ति राजीव रंजन .आचार्य कपिल व्याख्यानमाला कार्यक्रम में राष्ट्र प्रथम संविधान प्रथम विषय पर हुई चर्चा .श्रीकृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय के सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम
मुंगेर : देश का संविधान राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानकर ही बनाया गया था। संविधान में जहां देश के नागरिकों को मौलिक अधिकार दिया गया है, वहीं इसके अनुच्छेद 51 (ए) में मौलिक कर्तव्य का भी वर्णय किया गया है। ऐसे में हमलोगों को संविधान में वर्णित नागरिक कर्तव्यों तथा जिम्मेदारियों का पालन करने का संकल्प लेना चाहिए। यह बातें पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने शनिवार को श्रीकृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय के सभागार में आयोजित आचार्य कपिल व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने जब प्रारूप समिति का गठन किया तो उस समय इस समिति के समक्ष सबसे अहम प्रश्न यह था कि हमारा संविधान कैसा हो। इसलिए संविधान की प्रस्तावना में ही यह विचार समाहित किया गया कि देश का संविधान देश के लोगों का दिया गया संविधान होगा तथा यह नागरिकों से ही शक्ति ग्रहण करेगा। संविधान सभा में संविधान के प्रारूप पर 114 दिनों तक चर्चा हुई तथा 40 संशोधन प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इसे स्वीकार किया गया। 25 नवंबर 1949 को बीआर आंबेडकर ने संविधान सभा की बैठक में कहा था कि हम संविधान के मेरिट पर चर्चा नहीं करना चाहते, क्योंकि इसे बनाने वाला अच्छा होगा पर यदि चलाने वाला खराब होगा तो वह संविधान को भी बर्बाद कर देगा। इसलिए संविधान को चालने वाले पर इसकी सफलता निर्भर करती है। संविधान सभा के अध्यक्ष डा. राजेंद्र प्रसाद ने भी अपने संबोधन में राष्ट्र को सर्वोपरि बताया था। उन्होंने कहा कि संविधान में जहां नागरिकों को मौलिक अधिकार दिया गया है, वहीं आवश्यकता के अनुरूप इस पर अंकुश लगाने की भी व्यवस्था की गई है। इस प्रकार संविधान में देश की सुरक्षा को नागरिक अधिकारों से उपर रखा गया है। इतना ही नहीं संविधान में अनुभवों के आधार पर संशोधन का भी प्रावधान किया गया है।
दीप प्रज्जवलन से की गई कार्यक्रम की शुरुआत
व्याख्यानमाला के पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद, आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह श्रीकृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. सहजानंद प्रसाद सिंह, प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह, मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर तथा श्रीकृष्ण सेवा सदन ट्रस्ट के सचिव सह आरडी एंड डीजे कालेज के प्राचार्य प्रो. प्रभात कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इससे पूर्व न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने श्रीकृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय का भ्रमण कर बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डा. श्रीकृष्ण सिंह के निजी जीवन में उपयोग की जाने वाली संरक्षित वस्तुओं तथा पुस्तकालय में उपलब्ध दुलर्भ पुस्तकों व संविधान निर्माण के समय संविधान सभा की बैठकों से संबंधित दैनिक कार्यवाही से संबंधित पुस्तक का अवलोकन किया तथा अतिथि पुस्तिका में अपने अनुभवों को अंकित करते हुए कहा कि उनके पिता आचार्य कपिलदेव नारायण सिंह कपिल के कार्यकाल में आरडी एंड डीजे कालेज का छात्र हुआ करते थे तथा अब भी वे उनकी चर्चा करते हैं।
बाइट : राजीव रंजन प्रसाद पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति