रिपोर्ट-अमित कुमार!
पटना
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीबीए के तत्वावधान में आयोजित बैठक में बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले न केवल संविधान विरोधी हैं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार के संरक्षण में देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है।
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की मांग संविधान और देश के मूल सिद्धांतों पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सत्ता में बने रहने के लिए समाज को धार्मिक आधार पर बांटने की साजिश रच रही है।
उन्होंने कहा, “देश के लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को संप्रभु और स्वालंबी बनाने के लिए कुर्बानियां दीं। लेकिन आज, बीजेपी सरकार के संरक्षण में हिंदू राष्ट्र की मांग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे संविधान और सामाजिक न्याय पर खतरा मंडरा रहा है।”
उन्होंने भाजपा सरकार पर किसानों, बेरोजगार युवाओं, और शिक्षा व्यवस्था के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियां खत्म हो रही हैं, और शिक्षा के माध्यम से गरीब और मजदूर वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मस्जिद और मंदिर के मुद्दों को उछालकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने इसे सत्ता में बने रहने की रणनीति बताया और इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
उन्होंने 1947 के बंटवारे की ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उसी अवधारणा पर देश को बांटने की कोशिश फिर से हो रही है। “आज संविधान की जाति, लिंग, और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव न करने की कसम खाने वाले लोग ही समाज में भेदभाव और बंटवारा पैदा कर रहे हैं।”
पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं पर गौर नहीं कर रही है और ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने जनता से संविधान और सामाजिक भाईचारे की रक्षा करने की अपील की।