रिपोर्ट- अमित कुमार!
पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। वामपंथी विधायकों ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढ़ाने और अन्य मुद्दों को लेकर विधानसभा परिसर में नारेबाजी की। विधायकों ने विधवा और वृद्ध पेंशन को केरल मॉडल के आधार पर 3,000 रुपये प्रति माह करने और जीविका दीदियों को 25,000 रुपये मासिक वेतन देने की मांग की।
वामदलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा 400 रुपये की पेंशन राशि अत्यंत कम है और इससे वृद्ध, विधवा और विकलांग व्यक्तियों की कोई सहायता नहीं हो पा रही है। विधायकों ने बिहार सरकार पर अमीरों के हित में काम करने और आम जनता की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
राजद विधायकों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। राजद विधायक आंख पर काली पट्टी और तख्तियों के साथ सदन में पहुंचे, जिन पर लिखा था, “शराब नहीं किताब दो, मदिरालय नहीं पुस्तकालय दो”। विधायकों ने नीतीश सरकार पर अफसरशाही और अपराध बढ़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सुशासन के दावे में पूरी तरह विफल रही है।
गौरतलब है कि मंगलवार को पटना के गर्दनीबाग में हजारों जीविका दीदियों ने भी प्रदर्शन किया था। अब विधानसभा में वामदलों और राजद ने उनके समर्थन में सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है।




