पंकज कुमार जहानाबाद।
संयुक्त किसान मोर्चा केंद्रीय श्रमिक संगठन खेत मजदूर संगठनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर देशव्यापी चेतावनी प्रदर्शन के क्रम में आज जहानाबाद के अरवल मोड़ से समाहर्ता कार्यालय तक चेतावनी मार्च निकाला गया मार्च का नेतृत्व उक्त संगठनों के नेता गण कर रहे थे।
समाहर्ता कार्यालय पर पहुंचकर रैली प्रदर्शन में तब्दील हो गया
आज संयुक्त किसानों के आह्वान व उसके विजय की चौथी बरसी के साथ-साथ देश की संविधान की 75 में बरसी भी है
चेतावनी प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा राज्य व केंद्र सरकार मजदूरों किसानो खेत मजदूरो के साथ-साथ वादा खिलाफी के साथ ही उनके पूर्व से संविधान से प्राप्त सुविधाओं को छीन रही है एक देश में दो तरह के नीतियां भी स्थापित कर रहा है।
संविधान में दर्ज समाजवादी धर्मनिरपेक्ष शब्द को बड़े ही साती राणा अंदाज में खत्म करने की साजिश रच रहा है देश में सांप्रदायिक फासीवादी राज्य के साथ-साथ पूंजीवादी कॉर्पोरेट परस्त राज्य स्थापित करना चाहती है इसी दिशा में अन्य धर्म के अनुयायियों पर हमला करते हुए देश को हिंदू राष्ट्र में तब्दील कर देना चाहती है समाजवादी शब्द हटाकर आम मजदूर किसानों के हित को समाप्त कर अडानी अंबानी के हाथों आर्थिक तौर परदेश को बेच देना चाहती है
प्रदर्शन के माध्यम से निम्नलिखित मांगे जिला समाहर्ता के माध्यम से भारत के माननीय प्रधानमंत्री को सुपुर्द किया गया।
हमारी मांगे
C2 प्लस 50 फी सदी
के आधार पर एम एस पी की कानूनी गारंटी के साथ-साथ सभी फसलों की खरीद की गारंटी की जाए
किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए एक सर्व समावेशी ऋण माफी योजना बनाई जाए और आम जनता के लिए खाद्य सुरक्षा की गारंटी की जाए
बिजली क्षेत्र का निजीकरण ना हो कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर ना लगे
कॉरपोरेट कंपनियों के लिए अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बंद हो भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रावधानों को शक्ति से पालन हो
मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाए
आंगनवाड़ी आशा ममता रसोईया सहित सभी योजना कर्मियों एवं संगठित असंगठित मजदूरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 26000 रुपए की न्यूनतम वेतन लागू हो
60 बरस से अधिक उम्र के सभी बुजुर्ग व वृद्ध खेत मजदूर श्रमिक मजदूर किसानों के लिए ₹10000 की मासिक पेंशन योजना लागू हो
सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए श्रम में ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जाए
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को समाप्त किया जाए
नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुराने पेंशन स्कीम को लागू किया जाए भारतीय श्रम सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित की जाए
मनरेगा में 200 दिन काम₹600 मजदूरी देने और कृषि पशुपालन और वाटरशेड आधारित योजनाओं से जोड़ने की गारंटी की जाए
डॉ डी बंदोंउपाध्याय भूमि सुधार आयोगके रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए
भूमि हदबंदी से फजी भूदान एवं सरकारी जमीन जो गरीबों के कब्जे में है गरीबों के रिकॉर्ड में सम्मिलित किया जाए।
बिहार में एपीएमसी कानून लागू कर पुणे कृषि मंडी को बहाल किया जाए।
वन अधिकार कानून 2006 को शक्ति से लागू किया जाए तथा वनवासियों को पुनः उसे पर अधिकार सुनिश्चित कराया जाए
फसलों पशुधन बागवानी सहित कृषि के अन्य क्षेत्र में सार्वजनिक बीमा योजना लागू की जाए
असंगठित व भवन निर्माण के क्षेत्र में मजदूरों के जनकल्याण हेतु श्रम विभाग में संचित करोड़ों रुपए की राशि में हो रहे भ्रष्टाचार एवं धांधली की निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच कराई जाए और दोषियों को दंडित किया जाए
तीन आपराधिक कानून रद्द किया जाए
चेतावनी रैली प्रदर्शन के माध्यम से यह चेतावनी दी गई कि अगर हमारी मांगों के साथ अनसुनी की गई तो 3 माह के बाद हम पुनःबड़े आंदोलन में जाने के लिए बंद हो जाएंगे।
सभा को संबोधित करने वालों में एक्टू नेता शिव शंकर प्रसाद सीटू नेता सुरेंद्र मिस्त्री भुवनेश्वर प्रसाद राजेश कुमार शर्मा कमलेश कुमार चंचल कामरेड आनंद कुमार खेग्रामस नेता प्रदीप कुमार के किसान नेता योगेंद्र यादव रामाधार सिंह अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय नेता ओमप्रकाश सिंह राम प्रसाद महिलानेत्री मंटू देवी संजू देवी किसान नेता ब्रह्मदेव प्रसाद आदि ने संबोधित किया।।




