रिपोर्ट- धर्मेंद्र कुमार!
आज मोतिहारी के एक निजी नर्सिंग होम में डॉ हेना चन्द्र ने चित्रांश समाज की बैठक में बोलते हुए बिहार में हुए जातीय जनगणना पर गम्भीर सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि देश पहला राष्ट्रपति देने के साथ साथ एक ईमानदार प्रधानमंत्री समाज सुधारक जय प्रकाश नारायण एवं धार्मिक सुचिता के प्रतीक स्वामी विवेकानंद को देने वाला समाज उपेक्षित हैं।हेना चंद्रा ने सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा कि जब सिर्फ मोतिहारी लोकसभा क्षेत्र में कायस्थ वोटरों की संख्या लगभग डेढ़ लाख एवं मोतिहारी विधानसभा में यह संख्या लगभग सत्तर से पचहत्तर हजार हैं तो पूरे बिहार में कायस्थों की जनसंख्या मात्र सात लाख कैसे संभव है। मोतिहारी के तरह ही बेतिया, गया, मुजफ्फरपुर, सिवान, छपरा पटना आदि कई लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्र में कायस्थों के वोट महत्वपूर्ण होते है तो फिर हमारी संख्या मात्र 0.6 प्रतिशत कैसे हो गई? आज बिहार के सभी चुनावो में कायस्थ जाति के वोट कही महत्वपूर्ण तो कही निर्णायक भूमिका में होते हैं। लेकिन राजनैतिक दलों को यह फीडबैक जाता है कि बिहार में तो कायस्थो की जनसंख्या ही नहीं है। इस बात पर डॉ हेना चन्द्रा ने एक तरह से चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले 3 दिसम्बर को मोतिहारी के प्रेक्षा गृह में हमलोग चित्रांश समाज का शक्ति प्रदर्शन करेंगे ताकि बिहार के राजनीति को दशा देने वाला समाज राजनीति की दशा भी बदल सके।मणि श्रीवास्तव ने बताया की किसी पार्टी जो जीत के जाता है जो चित्रांश समाज परिवार का एक मत वाट से जीतता है।
बाइट :—– डॉ हेना चन्द्र
बाइट :—– मणि श्रीवास्तव।




