प्रस्तुति – अनमोल कुमार
वशिष्ठ नारायण सिंह को आप जरुर जानते होंगे एक ऐसा गणितज्ञ जो बिहार के आरा जिला के नवादा गांव से निकलकर नासा पहुंच जाता है जो आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती देता है जो अपने घर परिवार से इतना प्यार करता है कि 70 80 के दशक में नासा जैसे बड़े संस्थान में लाखों के पैकेज को छोड़कर आईआईटी कानपुर में आकर नौकरी कर लेता है जब वही शख्सियत मानसिक रूप से विक्षिप्त हो जाता है तो सरकार और सिस्टम उसे पागल समझ कर सब कुछ भूल जाती है जब तक लोग जागते हैं तब तक काफी देर हो जाती वैसे वशिष्ठ नारायण सिंह के बारे में और कुछ जानने समझने पढ़ने की अगर आपको इच्छा है तो थोड़ा सा इंतजार कीजिए बॉलीवुड की एक फिल्म आ रही है गणित जिसमें उनके जीवन के सारे पहलुओं को दिखाया गया है आपको यह भी याद होगा कि आज से 5 साल पहले जब पटना के पीएमसीएच में इस महान विभूति का निधन हुआ था तो सिस्टम कितना करप्ट है कि उन्हें एक एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुआ था। वशिष्ठ नारायण सिंह का श्राद्ध उनके परिजनों ने जीते जी कर दिया था क्योंकि वह जबलपुर स्टेशन से ट्रेन से गायब हो गए थे