बाढ़ पीड़ित ग्रामीण खुद अपना आशियाना उजाड़ने को है मजबूर।

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संवाददाता :- विकास कुमार!

कोशी नदी का जलस्तर जब घटता है तो लोग अपना आशियाना खुद उजारने को हो जाते है मजबूर।

एंकर :- खबर सहरसा से है जहाँ कोशी नदी जब उफान पर होती है तो लोगों के घर आंगन में पानी ही पानी होती है और बाढ़ जैसे हालात रहता है। लोग पलायन को मजबूर रहता है।कोशी नदी का कटाव भीषण जारी है। लेकीन जब कोशी नदी का जलस्तर घटता है तो लोग अपना आशियाना खुद उजारने को मजबूर हो जाते है।नवहट्टा प्रखंड अंतर्गत तटबंध के अंदर नौला पंचायत के रसलपुर गांव के मुसहरी टोला वार्ड नंबर 13 में तकरीबन दो दर्जन घर को कोशी नदी का कटाव अपने आगोश में ले चूका है।रसलपुर गांव में अभी भी भीषण कटाव हो रहा है।ग्रामीण सब पेड़ काटकर कटाव को रोकने का प्रयास कर रहा है लेकिन कटाव इतनी ज्यादा है की पेड़ देने से भी कटाव रुक नहीं रहा है।ग्रामीण हलकान परेसान है।हलांकि जिला प्रशाशन के द्वारा कहीं कहीं कटाव को रोकने का प्रयास किया है।फिर भी कटाव इतनी ज्यादा तेज है वो बेअसर साबित हो रहा है।तस्वीर के माध्यम से देखा जा सकता है कि कैसे कटाव हो रहा है और ग्रामीण कटाव स्थल पर पेड़ देते नजर आ रहा है।वहीं कटाव को लेकर ग्रामीण मदन दास ने बताया की 15 दिनों से कटाव जारी है कोशी नदी उफान पर है।तकरीबन 20 घर मुशहरी का कट गया है अब हमलोगों का रसलपुर गांव का 13 वार्ड और 14 वार्ड कट रहा है।हमलोग करीब 20 किलो रस्सा खरीदकर ग्रामीण लोग गाछ व्रीक्ष नदी में डाल कर क्रेटिंग कर रहे हैं ।लेकिन सरकारी राहत नहीं मिल रहा है।कोई अधिकारी देखने के लिए नहीं आ रहा है।

वहीं कटाव को लेकर दूसरे ग्रामीण स्कलदेब यादव ने बताया की हमलोगों के यहां 15 दिनों से कटाव हो रहा है कोई देखने वाला नहीं है और न कोई सुनने वाला है।हम ग्रामीण लोग किसी तरह गाछ व्रीक्ष काटकर कटाव के जगह पर दे रहे हैं।उससे नहीं बच रहा है कटाव।

BYTE :- बाढ़ पीड़ित ग्रामीण मदन दास।
BYTE :- बाढ़ पीड़ित ग्रामीण सकलदेव यादव।

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