खुद दिव्यांग होकर रह गया दिव्यांग पुनर्वास केंद्र , मसीहे इंतजार!

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गुंजन वत्स

बांका। ये पुरातत्व विभाग का कोई खँडहर नही बल्कि पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह के प्रयास से बना दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र है जो खुद दिव्यांग बना हुआ है और अपने उद्धार के लिए किसी मसीहे का इंतजार कर रहा है। तत्कालीन केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा तब विकलांग पुनर्वास केंद्र के रूप में इसके निर्माण हेतु वर्ष 2001 में इसका शिलान्यास किया गया था। मंत्री की तत्परता के कारण शिलान्यास के जल्द ही बाद इसका भवन बनकर तैयार हो गया। उस वक्त यहां कुछ काम भी हुए। लेकिन समय के बदलते दौर के साथ ही लोग इसे सिरे से भूलते चले गए । कहा तो यह भी जा रहा है कि खुद इसके जन्मदाता श्री सिंह की भी नजरें बाद में इस ओर से फिर गई। और उनके इस दुनिया से चले जाने के बाद इस पुनर्वास केंद्र की रही सही कसर भी पूरी हो गई । जिसे अब तक कोई देखने वाला तक नही है। वर्तमान समय में लोगों को इस भवन के इतिहास के बारे में कोई जानकारी भी नहीं है। यू तो सरकार के पास कई योजनाये इनके लिये है लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है । अब इस पुनर्वास केंद्र को बस वक्त का ही इन्तजार है की कोई इसकी सुधि ले।

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