रिपोर्टर — राजीव कुमार झा
अंतिम दिन के विजयेता रही रुद्रपुर की कंचन कावियांसी
ऐंकर– मधुबनी के मिथिला हाट में आयोजित मधुश्रावणी पर्व के अंतिम दिन विजयेता रही रूद्रपुर की कंचन कावियांसी।
मिथिलांचल का सुप्रसिद्ध मधुश्रावणी पर्व नव विवाहित महिलाओ के लिए महत्पूर्ण पर्व मनी जाती है। मधुश्रावणी पर्व को नव विवाहित महिलाएं बरे ही उत्साहित हो धूमधाम से मनाती है। माना जाता है कि यह मधुश्रावणी पर्व को नव विवाहित महिलाएं अपने पति के लंबे आयु के लिए नाग देवता को प्रसन्न कर उनसे आशिर्वाद प्राप्त करने को लेकर मनाती है।
बताते चलें कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नव विवाहित महिलाएं मधुश्रावणी पर्व बड़े धूमधाम से मना रही है। लेकिन इस वर्ष मधुश्रावणी पर्व के अवसर पर मधुबनी जिले के झंझारपुर स्थित मिथिला हाट में मधुश्रावणी डाली सज्जा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। आयोजन में मधुबनी जिले के अलग अलग जगहों से लेकर दरभंगा से भी नव विवाहित महिलाएं मिथिला हाट में डाली सज्जा प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आई। मिथिला हाट में प्रदर्शनी आयोजन कर्ता के द्वारा आयोजित डाली सज्जा प्रदर्शनी प्रतियोगीता कार्यक्रम में भाग लेने वाली नव विवाहित महिलाओ की फूलों से सजी डाली को देखती और आंकलन करती है कि कोन सी डाली को फुलों से सबसे बेहतर सजाया गया है। जिस भी नव विवाहित महिलाओ की डाली खूबसूरत सजी होती है उन का नाम लिख लिया जाता है। यह सिलसिला प्रत्येक दिन यानी मिथिला हाट के द्वारा आयोजन मधुश्रावणी डाली सज्जा प्रदर्शनी 25 जुलाई से 6 अगस्त मंगलवार को फूल लोढी का अंतिम दिन तक रखा गया है। वही आज के फूल लोढी में जिस भी नव विवाहित महिला की डाली खूबसूरत सजी हुई मानी गई उसे प्रथम प्राइज प्रदान किया गया। वही प्रदर्शनी में आई सभी नव विवाहित महिला को मिथिला हाट परिवार के तरफ से पुरुस्कृत किया गया।
प्रदर्शनी के आयोजन के तिथि से ही प्रत्येक दिन आ कर नव विवाहित महिलाएं फूललोढ़ी हुई अपने डाले को सजाने में लग जाती है और आयोजन कर्ता के द्वारा घूम घूम कर उन नव विवाहित महिलाओ के नामों का चयन होता है जिन की फूलो से सजी डाली दिखने में बेहद खुबसूरत लगती है। और उन्हे उस दिन के लिए मधुश्रावणी डाली सज्जा प्रदर्शनी का विजेता घोषित किया जाता है।
मधुश्रावणी व्रत पर्व मनाने को लेकर नव विवाहित महिला शिमा झा ने बताया कि मधुश्रावणी व्रत पर्व मिथिलांचल का सुप्रसिद्ध पर्व है। इस पर्व को नव विवाहित महिलाएं अपने पति के लंबी आयु के लिए मानती है। इस पर्व को अकसर नव विवाहित महिलाएं अपने मायके में ही रहकर मनाती है। मधुश्रावणी व्रत पर्व मनाने के एक अलग ही नियम है। नव विवाहिता अपने ससुराल से आए अनाज का ही सेवन करेंगी। सुबह में विधिवत तरीके से पूजा कर शाम को फूल लोढने जाती है।
मधुश्रावणी डाली सज्जा प्रदर्शनी के अंतिम दिन मंगलवार को आयोजन कर्ता के पांच सदस्यीय टीम ने डाली सज्जा प्रदर्शनी के तेरहवें दिन यानी कि अंतिम दिन के विजयता रूद्रपुर की कंचन कावियांसी के नमो की घोषणा की। जिसके बाद वहा पर मौजुद लोगो ने ताली बजा कर विजयता को शुभकामना दिया।




