रिपोर्ट- अमित कुमार!
राजद के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन, मृत्युंजय तिवारी, सारिका पासवान, अरूण कुमार यादव एवं आरजू खान ने कहा कि भाजपा और जदयू के नकारात्मक और दुष्प्रचार की राजनीति का खमियाजा आज बिहार को भुगतना पड़ रहा है। कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। सुशासनी सरकार और पुलिस हुक्मरानों द्वारा अपराध नियंत्रण पर हर दावे और उच्च स्तरीय समीक्षा के बाद भी राज्य में हत्या, अपहरण, लूट, डकैती, छेड़खानी और बलात्कार की एक श्रृंखला सी बन गई है। अब तो घर के अन्दर भी लोग अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। राह चलते सरेयाम गोली मार दी जा रही है, विद्यालय का कैम्पस भी अछूता नहीं रहा।
राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार का बुनियाद हीं दुष्प्रचार, झूठे दावे और नकारात्मक सोच पर टिका हुआ है। 1990 में लालू प्रसाद जी जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे उस समय बिहार का क्राइम रेट 145 था और जब राबड़ी देवी जी 2005 में मुख्यमंत्री पद छोड़ी उस समय बिहार का क्राइम रेट 108 था। स्पष्ट है कि राजद शासन काल में आपराधिक घटनाओं में भारी गिरावट दर्ज की गई। बिहार में जब एनडीए की सरकार बनी तो क्राइम रेट 108 से बढ़कर 224 तक पहुंच गई। वास्तविक स्थिती तो यह है कि राजद शासनकाल की तुलना मे एनडीए शासनकाल में सभी प्रकार के अपराधों में तीन से चार गुना की बढोत्तरी हुई है। विशेष कर महिलाओं के खिलाफ अपराध में तो अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
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