पिपरौन जटही बॉर्डर का पुल हुआ क्षतिग्रस्त, भारी वाहनो पर रोक, भारत नेपाल के बीच यातायात बाधित!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झा

भारत नेपाल के बीच आवागमन हुआ बाधित

लोगो ने पुल निर्माण में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

बिहार में आए दिन पुल गिरने व पुल बह जाने का मामला आम बात हो गई है। तो इस से अछूता मधुबनी भी क्यों रहे। यहां आधे दर्जन के करीब फूलों के अस्तित्व पर जहां खतरा बना हुआ है। वही हरलाखी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित पिपरौन जटही बॉर्डर का पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद एसएसबी के द्वारा तत्काल भारी वाहनो का आवाजाही पर रोक लगा दिया है। पिपरौन एसएसबी अधिकारियों के द्वारा संभावित खतरे के रोक थाम को लेकर थोड़ी दूरी में बैरिकेटीग भी कर दिया गया है। जिससे कोई बड़ा हादसा ना हो सके। छतिग्रस्त पुल के बगल होकर सिर्फ पैदल और बाइक सवार ही पुल से आवागमन कर रहे हैं। जब की इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित पिपरौन जटही बॉर्डर के पुल से रोज कई हजार लोग आवाजाही करते थें। रोज सैकड़ों भारी वाहन का भी परिचालन हो रहा था। लेकिन पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद बुधवार के सुबह से ही भारी वाहन परिचालन पर रोक लगा दी गई है। स्थानीय पिपरौन पंचायत के पूर्व मुखिया बिल्टू प्रसाद महतो, दीपक कुमार, रणवीर सिंह, अनिल कुमार सिंह, रविन्द कुमार, शिवशेखर महतो, बिकी यादव, गौतम झा सहित दर्जनों स्थानीय लोगों ने बताया है कि तकरीबन पांच सात साल पुर्व उक्त पुल का निर्माण करवाया गया था, लेकिन पुल निर्माण में अनियमता की वजह से पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल क्षतिग्रस्त की वजह से कई वाहन चालक परेशान हो वापस लौट रहे हैं। इस संबंध में बेनीपट्टी के कार्यपालक अभियंता राम आशीष पासवान ने दूरभाष पर बताया पुल नेपाल सरकार के द्वारा ही बनाया गया था। हम जेई को भेजे थे, नेपाल के अधिकारी लोग आए हुए थे, जल्द ही पुल का मरम्मत करवा लिया जाएगा।

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