प्रदेश कार्यालय पर कब्जे के लिए लोजपा दोनों गुटों में बढ़ा विवाद, मामला कोर्ट में!

SHARE:

रिपोर्ट- अमित कुमार!

-लोजपा आर और राष्ट्रीय लोजपा के बीच बिहार प्रदेश कार्यालय को लेकर विवाद छिड़ गया है । अब मामला न्यायालय के अधीन चला गया है । इसको लेकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया । इस प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार ने कहा कि हमारा यह जो राज्य कार्यालय है 2010 से है । 1990 में जब वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे पशुपति पारस तब उन्हें आवास के रूप में आवंटित हुआ था ये बंगला । उसके बाद 2010 तक वो लगातार विधायक दल के नेता रहे । 2009 में हमारे पार्टी के सभी सांसद सभी चुनाव हार गए । रामविलास पासवान जी हाजीपुर से चुनाव हार गए । 2010 में हमारे 3 विधायक जीत कर आए थे । उन तीनों को जदयू ने तोड़ लिया था । 2013 में हमारे पास ना कोई सांसद था ना विधायक था । तब भी राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में हमें कार्यालय मिला था । आज भी हमें राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है । राज स्तरीय पार्टी का दर्जा होने के नाते हमें पार्टी कार्यालय चलाने का हक है । 2021 में जब लोजपा दो भागों में बंटी तब निर्वाचन आयोग भारत सरकार ने हमको राज्य स्तरीय पार्टी का मान्यता दिया था और हमारे अपॉजिट पार्टी को भी राज्य स्तरीय पार्टी का मान्यता दिया । हमको चुनाव चिन्ह सिलाई मशीन आवंटित किया और भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को लिखा कि जब तक हमारे यहां जनशक्ति पार्टी का विवाद पेंडिंग है जब तक यह विवाद निष्पादन नहीं हो जाता तब तक राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा रहेगा । इसलिए हम लोगों ने इलेक्शन कमीशन को लिखा । भवन निर्माण विभाग से पत्र के माध्यम से कहा गया कि आपने 2 सालों से ऑफिस का किराया भुगतान नहीं किया है। और पार्टी कार्यालय का नवीनीकरण नहीं कराया है । इसीलिए लोक जन शक्ति पार्टी के कार्यालय का आवंटन रद्द किया जाता है । लेकिन 2021 में पार्टी टूटने के बाद हम लोगों ने भवन निर्माण विभाग को लगातार पत्र लिखते रहे हैं । हमारे पास पत्र का कॉपी भी है रिसीविंग भी है । 2023 में हम लोगों ने लिखित में दिया जो बकाया किराया है उसका डिटेल दिया जाए । जिसे हम भुगतान कर सके । लेकिन भवन निर्माण विभाग कान में तेल डालकर सो रहा और 13 जून को एकाएक भवन निर्माण विभाग जजागता है । तब 14 जून को हमारे पार्टी के द्वारा भवन निर्माण विभाग को लिखा जाता है कि जो बकाया है उसका डिटेल दे हम उसका भुगतान करेंगे । उसके बाद 4 जुलाई को भवन निर्माण विभाग लोक जन शक्ति पार्टी रामविलास को यह भवन आवंटित कर देता है । लेकिन पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर न जाने किन कारण से भवन निर्माण विभाग के कर्मियों ने मात्र चार दिनों में यह काम किया । हमने भवन निर्माण के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने का काम किया । हाई कोर्ट में इस मामले की कल सुनवाई हुई । हाई कोर्ट ने भवन निर्माण विभाग से इस मामले का पक्ष पूछा भवन निर्माण विभाग को कोर्ट ने चार हफ्तों का टाइम दिया है ।

बाईट:—श्रवण कुमार, राष्ट्रीय प्रवक्ता, लोजपा आर

Join us on:

Leave a Comment