रिपोर्टर — राजीव कुमार झा!
मधुबनी जिला के सौराठ गांव स्थित मिथिला के धरती पर स्थित ब्राम्हणों का विश्व प्रसिद्ध सभा स्थल पर हर वर्ष की तरह इस बार भी मिथिला वाहिनी द्वारा मिथिला के विभिन्न ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का किस तरह से संरक्षण और संवर्धन हो इन सभी जगहों को पर्यटन स्थल के रुप में मान्यता प्राप्त हो सके। जैसे बातों को लेकर विचार-गोष्ठी आयोजित किया गया। बक्ताओ ने मिथिला के इन महत्वपूर्ण जगहों को लेकर देश और दुनिया के लोगो का आकर्षण को बढ़ाने व पर्यटकों का आकर्षण इन क्षेत्रो के तरफ बढ़ाने जैसे विषयों को लेकर विचार गोष्ठी सह चुड़ा दही चीनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मिथिला वाहिनी के संस्थापक सह मुख्य संरक्षक मिहिर कुमार झा महादेव ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मिथिला श्रेत्र में सौ से अधिक पर्यटन स्थल होने के बावजूद भी सरकार या विभाग का उदासीन रवैया निंदनीय और दुखद है। मिथिला वाहिनी यहां के रामायण कालीन, महाभारत कालीन रा इससे पूर्व का आज भी मौजूद स्थलों को सम्मान दिलाने को लेकर लगातार प्रयास करती आ रही है। मिथिला वाहिनी सरकार तथा राजनेताओं को कुंभकर्णी नींद से जगाने के साथ ही आम लोगों को जगाने का प्रयास करती रही है। इसी क्रम में विश्व प्रसिद्ध सौराठ सभा गाछी में आज यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने उपस्थित लोगों का अभिवादन करते हुए कहा कि सौराठ सभा गाछी मैथिल ब्राह्मणों के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति स्थल है इसलिए मैथिल ब्राह्मणों को विशेष कर युवाओं को इसके उत्थान और संरक्षण व प्रचार प्रसार के लिए आगे आना होगा। आगे श्री झा ने कहा की फिर से ब्राह्मणो का रुझान सभा गाछी को लेकर बढ़ा है। खुशी की बात है कि इस बार बेगुसराय, लक्खीसराय, दरभंगा, मधुबनी जिले के विभिन्न गांवों से वर पक्ष वर को लेकर विवाह हेतु सभा गाछी पहुंचे है। कार्यक्रम में अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। जिसमें प्रमुख रूप से विनायक झा, ललन झा,सुधीर झा, मुकेश कुमार झा, सुमित मिश्र,विभाकर झा लालटुन, वंशीधर झा, अंकित झा,शंभुनाथ झा, सहित अन्य जिलों से आए लोग ने भी अपना विचार रखें।वहीं सौराठ सभा बास के साथ ही अन्य वर्षों के तरह सभा गाछी में श्री शंभुनाथ झा पंडा द्वारा रामायण पाठ सभा समापन के दिन तक लगातार किया जा रहा है। वही सभा आए सभी ब्राह्मणो को पागल पहनाकर सम्मानित करने का कार्यक्रम सौराठ सभा विकास समिति के अध्यक्ष कृष्ण कान्त झा एवं सचिव शेखर चन्द्र झा द्वारा किया गया।