धीरज शर्मा भागलपुर
शराब ने मारा किस्मत दगा दे गई!
भागलपुर : रेल पुलिस की शर्मशार करने वाली एक तस्वीर सोमवार को भागलपुर में देखने को मिली है, जो खाकी को दागदार कर रही है। ताजा मामला भागलपुर के जीआरपी का बताया जा रहा है, जब सोमवार को पीरपैंती थानाक्षेत्र के परशुरामपुर गांव की 25 वर्षीय महिला ललिता देवी अपने दुधमुंही बच्ची के साथ भागलपुर स्टेशन पहुंची और रेलवे ओवर ब्रिज पर रोती बिलखती बेहोश हो गयी, जिसे राहगीरों ने उठाकर रेल जीआरपी को सौंप दिया। बुखार से तपता बदन और 6 माह की दुधमुंही बच्ची के साथ घंटों जीआरपी की दहलीज पर रोती बिलखती खुद को डॉक्टर से दिखाने की बात कह न्याय की भीख मांगती रही। लेकिन थाने के किसी बाबुओं की इनायत महिला पर नहीं गयी। और तब तक नहीं गयी जब तक महिला मूर्छित हो जमीन पर ना गिर पड़ी। जबकि 2 गज की दूरी पर महिला सिपाही अपनी ड्यूटी पर भी तैनात थी। थाना द्वारा लगातार मामला रेलवे के बाहर का बता टरकाया जा रहा था। लेकिन महिला लगातार एक ही रट लगाई रही कि उसके साथ घटित घटना रेल परिसर में हुई है। जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो रेल एसपी आमीर जावेद को मामले से अवगत कराया गया। और एसपी के पहल पर थाने के बाबुओं की नींद टूटी तो आनन फानन में महिला और पुरुष बल ने अपनी संवेदना दिखाई और पीड़िता को पानी के छींटे दे होश में लाकर उसकी खैर खबर ली। दरअसल वर्दी की इस बेदर्दी का बखान हम यहां इसलिए कर रहे हैं कि जिस पीड़ित महिला को पुलिस ने रेल एसपी के संज्ञान पर इतनी हमदर्दी दिखाई। वह अपने पति की रिहाई के लिए सोमवार को भागलपुर के कोर्ट परिसर आई थी। पीरपैंती पुलिस ने शराब के मामले में उसके पति को गिरफ्तार कर पिछले बुधवार को जेल भेज दिया था। महिला के मुताबिक पति की रिहाई के लिए पीरपैंती थाना और वकील द्वारा रुपये की मांग की गई थी, जिसे पूरा करने के लिए उसने अपने बच्चों के साथ खुद के जेवरात को अपने गांव में बेच दिया। और बिके हुए जेवरात से 10 हजार रुपये लेकर वह यात्री ट्रेन पकड़ भागलपुर चली आई। महिला ने बताया की वह भागलपुर पहुंचने के बाद कोर्ट गयी और पति की रिहाई के कागजात तैयार करने के एवज में वकील को 400 रुपये दे घर वापसी के लिए स्टेशन पहुंच गई। इसी बीच 3 नम्बर प्लेटफार्म पर महिला के थैले को काटकर उचक्कों ने उसके रुपये उड़ा लिए। मामले में रेल पुलिस ने महिला के बयान पर एफआईआर दर्ज कर लिया है और तत्काल उसे उचित न्याय का भरोसा दिलाकर वापस घर भेज दिया है। बड़ा सवाल है कि जब महिला पिछले 4 घंटे से बुखार से तप रही थी तो उसे रेलवे के अस्पताल में क्यों नहीं दिखाया गया ? आखिर क्यों रेल पुलिस उसे टरका कर रेलवे के बाहर की घटना बता रही थी ? बहरहाल जांच पड़ताल किसी भी घटना का एक बहुत अहम हिस्सा होता है, लेकिन वर्तमान स्थिति में मामला रेल एसपी के संज्ञान में आने के बाद पुलिस का हरकत में आना पुलिस के रवैये को कहीं न कहीं सवालों के घेरे में खड़ा करती है, जो पुलिस के लिए शर्मनाक भी है।