हमारी संस्कृति में जो कुछ भी सुंदर है, शुभ है, कल्याणकारी है, मंगलकारी है, उसकी कल्पना नारी रूप में की गई है । कोई भी देश व समाज तब तक उन्नति नहीं कर सकता जब तक नारियां उपेक्षित, शोषित एवं पिछड़ी रहेंगी ।
महिला सबलिकरण के लिये देश मे अनेक संस्थाये कार्यरत है जो महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने के लिये और शिक्षा प्रदान हेतू काम करती है | वैसे देखा जाये तो हमारे देश की महिलाए हर क्षेत्र मे प्रगतीपथ पर है | सरहद पे तैनात भी है और आसमान तक छू लिया है | खेल का क्षेत्र, मनोरंजन हो या फिर राजनिती ! हर क्षेत्र मे महिलाये अपनी प्रतिभा दिखा रही है | फिर भी समाज का एक वर्ग हमेशा महिलाओ को उचित सम्मान नही देता और महिला उत्पीडन की खबरे आये दिन मिलती रहती है | समाज मे आज भी महिला सुरक्षित नही है | ऐसा नही की सब पुरुष बुरे है, औरतो को नुकसान पहूंचाने वाली सोच बरी है | इस सोच के खिलाफ खडे होने की जरुरत है |
आये दिन हमे महिला और नाबालिग पर रेप की खबरे सुनाई पडती है | NCRB के अनुसार 2018 मे 33,356 रेप केस हुये है मतलब रोज 91 रेप | जिसमे से 31,320 रेप जान पेहचानके लोगो द्वारा किये गये है | और 27.8% पिडीत नाबालिग / 18 वर्ष से कम आयु के थे |
2012 दिल्ली मे दिल देहला देने वाला हाद्सा हुआ | 23 वर्षीय मेडिकल स्टूडेंट पे सामुहिक बलात्कार और फिर उसे बूरी तरह मार दिया गया | देश मे कही जगह निर्भया के इन्साफ के लिये मोर्चे निकले | निर्भया के आरोपियो को 2020 मे फासी पे चढ़ाया गया | 8 साल बाद निर्भया को इन्साफ मिला |
हाल ही मे हाथरा मे 19 वर्षीय बालिका पे बलात्कार हुआ और फिर उसे बहुत ही घटिया तरिके से मौत के घाट उतारा गया | इस तरह की घटना से साफ होता है की आज भी महिलाए सुरक्षित नही है | उत्तरप्रदेश के मन्त्रि योगी आदित्यनाथ ने हाथरा रेप केस की जांच के लिये स्पैशल इन्वेस्तिगेशन टिम बनायी है और 7 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है | उम्मिद करते है की निर्भया की तरह हाथरा रेप केस पिडीत को वर्षो तक न्याय के लिये लड्ना ना पडे |
21 मार्च 2013 मे रेप लॉ पे संशोधन किया गया और निर्भया केस के बाद फिर ऐसा हाद्सा ना हो इसलीये रेप को पुन्ह परिभषित किया गया और आरोपियो को कडी से कडी सजा देने का प्रावधान है | पर जांच पडताल की कमी के कारण इस कानून का उपयोग निर्भया केस मे प्रभावशाली नही रहा और निर्भया को इन्साफ के लिये 8 साल इंतजार करना पडा |
2019 मे महिला और नाबालिग के हित मे प्रावधान लाये गये है |वो कुछ इस तरह से है |
- सरोगसी रेगुलेशन बिल
- ट्रिपल तलाक ( Protection of rights on marriage ) ऐक्ट
- Protection of Children from Sexual Offence ( Amendment) act
- The Transgender Persons ( Protection of Rights) bill
सरकार ने महिलाओ सशक्तीकरण के लिये कानून तो लाया है पर देखा जा रहा है की बहुत महिलाए अपने अधिकार को ले कर अनभिग्न है | कइ बार जांच पडताल की कमी, पूलिस का असहकार, बदनामी का डर इन सब मद्दो की वजह से पिडीत को इन्साफ नही मिल पाता | “महिला सुरक्षा”देश की प्राथमिकता पे होना चाहिये | औरत का जितना सम्मान होगा दुनिया उतनी ही खुबसुरत होगी | माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है की ,” नया भारत नारी शक्ती के दम पर बढ्ता भारत | जहा नारी सशक्त एव्ं देश के समग्र विकास मे बराबर भागीदार रहेगी |” उम्मिद करते है आने वाले समय मे ये सच साबित हो |