रिपोर्ट- अमित कुमार!
पटना, बिहार: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने खनन विभाग का एक साल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में खनन विभाग में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जिससे अवैध खनन पर रोक लगी है और राज्य का राजस्व बढ़ा है।
बालू माफियाओं पर शिकंजा, अवैध खनन पर लगाम
विजय सिन्हा ने कहा कि पहले की सरकारों ने खनन विभाग को अभिशाप बना दिया था, जिससे बालू माफियाओं का आतंक बढ़ गया था। लेकिन पिछले एक साल में सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं, जिससे अवैध खनन पर पाबंदी लगाई गई है।
निगरानी और नियंत्रण के लिए नई टेक्नोलॉजी
- खनन गतिविधियों पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए कंट्रोल और कमांड सेंटर स्थापित किया गया है।
- बालू घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे अवैध खनन पर अंकुश लगा है।
- खनन अधिकारियों को दंडाधिकारी की शक्ति दी गई है, ताकि वे बिना किसी दबाव के कार्रवाई कर सकें।
- हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, जिससे आम जनता अवैध खनन की जानकारी दे सकती है। शिकायत करने वालों को सरकार द्वारा पुरस्कृत भी किया जा रहा है।
- 21 लोगों को पुरस्कृत किया गया जिन्होंने अवैध खनन की सूचना देकर सरकार की मदद की।
खनन क्षेत्र में नए सुधार और योजनाएं
रोहतास, गया और जमुई में खनिज ब्लॉक की नीलामी की गई है।
बिहार अब राष्ट्रीय स्तर पर खनिज क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहा है।
पांच जिलों में खनन की संभावनाओं को लेकर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है।
‘मोबाइल बालू पोर्टल ऐप’ इस महीने लॉन्च किया जाएगा, जिससे लोगों को ऑनलाइन जानकारी मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट पास की शुरुआत की जा रही है, जिससे खनन से जुड़े कारोबार में पारदर्शिता आएगी।
खनन विभाग में अनुसंधान विंग की स्थापना की जा रही है, जिससे नई नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
अधिकारियों की मिलीभगत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नया ‘इंस्पेक्शन ऐप’ लॉन्च, निगरानी होगी आसान
विजय सिन्हा ने नए इंस्पेक्शन ऐप की भी घोषणा की, जिससे खनन क्षेत्र की निगरानी और जांच को डिजिटल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब सभी खनन अधिकारियों का मोबाइल नंबर सरकारी होगा, जिससे जवाबदेही तय की जा सके।
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का बयान
“जब से हमने खनन विभाग की जिम्मेदारी संभाली है, हमने इसे माफिया राज से मुक्त करने और सरकारी राजस्व बढ़ाने पर काम किया है। टेक्नोलॉजी और सख्ती से अवैध खनन पर रोक लगी है। आने वाले समय में और सुधार किए जाएंगे।”
निष्कर्ष
बिहार सरकार अब खनन क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठा रही है। नई टेक्नोलॉजी, ऐप, हेल्पलाइन और सीसीटीवी निगरानी से बालू माफियाओं पर शिकंजा कसने और राज्य के राजस्व को बढ़ाने की दिशा में बड़ी पहल की गई है।