रिपोर्ट- अमित कुमार!
गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि नवंबर 2024 तक 3,00,526 अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई है। इस दौरान 92 नियमित हथियार, 4,861 अवैध हथियार, 165 देशी बम, 22,632 कारतूस, 604 डेटोनेटर और 83 अवैध लघु बंदूक कारखानों का उद्वेदन किया गया।
डकैती के मामलों में 15.36%, चोरी में 5.93%, और दंगे में 15.82% की गिरावट दर्ज की गई है। 2022-24 के बीच सांप्रदायिक घटनाओं के 1,025 मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी गई है, और सभी जिलों को आरोप पत्र समर्पित करने के निर्देश दिए गए हैं।
“बिहार में नक्सली गतिविधियों का प्रभाव घटकर 10 जिलों से 8 जिलों तक सीमित हो गया है। गया, औरंगाबाद, नवादा, रोहतास, कैमूर, जमुई, मुंगेर, और लखीसराय में मुख्य रूप से नक्सली गतिविधियां संचालित हो रही हैं।”
प्रधान सचिव ने बताया कि नक्सली गतिविधियां मुख्यतः बिहार-झारखंड सीमा से लगे पहाड़ी और जंगली क्षेत्रों तक सीमित हो गई हैं। नवंबर 2024 तक 120 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है। साथ ही, 24 हथियार, 246 कारतूस, 134 किलोग्राम विस्फोटक, 554 डेटोनेटर, और 146 बारूदी सुरंगें बरामद की गई हैं।
एसटीएफ ने इस वर्ष 5 अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया, जबकि 53 मोस्ट वांटेड नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 11 इनामी नक्सली शामिल हैं।
साइबर क्राइम पर सख्ती के लिए बिहार सरकार ने 44 साइबर थानों की स्थापना की है, जो पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों के नियंत्रण में हैं।
बिहार की बड़ी परीक्षाओं में भी सख्त कार्रवाई की गई है।
TRE 3 शिक्षक भर्ती परीक्षा में 285 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई।
NEET UG 2024 में 15 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए।
सिपाही भर्ती परीक्षा में 14 अभियुक्त, और
67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में 18 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई।
गृह विभाग के इन आंकड़ों ने सरकार के अपराध नियंत्रण और नक्सल विरोधी अभियानों को लेकर एक मजबूत छवि प्रस्तुत की है।